नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के बाद लगातार गिर रहा रेवेन्यू केंद्र सरकार के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। 2017-18 में राजकोषीय घाटा टारगेट को पार कर सकता है। इसे देखते हुए सरकार चालू वित्त वर्ष 2017-18 में 50 हजार करोड़ रुपये उधार लेगी। सरकार ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि में सरकारी व्यय को पूरा करने के लिए बाजार से 50,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज लिया जाएगा। आगामी चौथी तिमाही में सरकार सरकारी सिक्युरिटीज (जी-एसईसी) जारी करेगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि 26 दिसंबर तक सरकार ने चालू वित्त वर्ष में बाजार से कुल 3.81 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। बयान में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ मिलकर सरकार के कर्ज कार्यक्रम की समीक्षा के बाद सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 में बाजार से अतिरिक्त 50,000 रुपये का कर्ज लेने का फैसला किया है।
चालू वित्त वर्ष के आम बजट में सरकार ने सकल और शुद्ध बाजार कर्ज का क्रमश: 5,80,000 करोड़ रुपये और 4,23,226 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था। इसमें से 3,48,226 करोड़ रुपये का सरकारी सिक्युरिटीज से तथा 2,002 करोड़ रुपये टी-बिल्स से जुटाने थे। बयान में कहा गया है कि सरकार का सकल और शुद्ध बाजार कर्ज 26 दिसंबर तक क्रमश: 5,21,000 करोड़ रुपये और 3,81,281 करोड़ रुपये रहा है।
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