नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने का समर्थन किया है, लेकिन राज्यों के समर्थन के बाद ही इसे जीएसटी के तहत लाया जाएगा। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा, जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है, हम पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के तहत लाने के पक्ष में हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लेकिन हम राज्यों की सहमति का इंतजार कर रहे हैं। और मुझे उम्मीद है कि देर-सवेर राज्यों की सहमति भी इस पर मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थो को बाहर नहीं रखा गया है और यह जीएसटी कानून का हिस्सा है। लेकिन इस पर जीएसटी लगाने का फैसला तभी लिया जाएगा, जब जीएसटी परिषद में इसे 75 फीसदी या तीन-चौथाई बहुमत से मंजूर किया जाता है।
उन्होंने कहा कि 115वें संविधान संशोधन में पहले से ही इसके लिए प्रावधान किया गया है, जिससे किसी भी कानून में कोई और संशोधन की आवश्यकता नहीं होगी।
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