नई दिल्ली । केंद्र ने
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि फिलहाल दिल्ली में रेल पटरियों
के किनारे 48,000 झुग्गियों को नहीं हटाया जाएगा।
केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान
न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि
रेलवे, शहरी विकास मंत्रालय और दिल्ली सरकार एक साथ बैठकर चार सप्ताह में
इस समस्या का कोई समाधान जरूर निकालेंगे और तब तक रेलवे पटरियों के किनारे
झुग्गी बस्तियों को नहीं हटाया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु
सिंघवी ने पीठ के समक्ष अनुरोध किया कि कोर्ट को यथास्थिति का आदेश देना
चाहिए। इस पर पीठ ने जवाब दिया कि ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि केंद्र पहले
ही कह चुका है कि फैसला होने तक यथास्थिति रहेगी।
वहीं वरिष्ठ
अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि वह आवेदकों की ओर
से पेश हुए, जो सीधे तौर पर इससे प्रभावित हैं और आवेदक खुद झुग्गी वासी
हैं। खुर्शीद ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी बात सुनने की भी आवश्यकता है
और इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से उन्हें मामले में पार्टी बनाने का आग्रह
किया। वहीं सिंघवी ने तर्क दिया कि शुक्रवार और सोमवार को झुग्गियों को
गिराने का काम हुआ है, इसलिए इसे रोकने के लिए निर्देश दिए जाने की
आवश्यकता है।
मेहता ने उत्तर दिया कि हो सकता है कि इस तरह की
तोड़फोड़ किसी और मामले में हुई हो, लेकिन इस मामले के मद्देनजर नहीं हुई
है। दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कोर्ट के सामने कहा कि पुनर्वास
के लिए कानून और नियमों के संबंध में सरकार पूरी तरह से सहयोग करेगी।
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर चार सप्ताह के बाद सुनवाई करेगा।
कांग्रेस
के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दिल्ली में रेल पटरियों के किनारे लगभग 48,000
झुग्गियों को हटाने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
था। बीते 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में तीन महीने के भीतर
रेलवे पटरियों पर लगभग 48,000 झुग्गी बस्तियों को हटाने का आदेश दिया था और
कहा था कि इस मामले में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
माकन
ने अपने आवेदन में कहा कि रेल मंत्रालय, दिल्ली सरकार आदि ने पहले ही
प्रक्रिया की पहचान और झुग्गियों को हटाने की पहल कर दी है और दिल्ली में
विभिन्न झुग्गी बस्तियों में तोड़ने के नोटिस जारी किए गए हैं।
--आईएएनएस
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