नई दिल्ली । केंद्र ने कानून प्रवर्तन
एजेंसियों के बीच सूचना और निगरानी साझा करने वाली निगरानी प्रणाली को
चुनौती देने वाली दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल)
पर एक हलफनामा दायर किया है।
जनहित याचिका में, याचिकाकर्ता ने दावा किया कि सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग
सिस्टम, नेटवर्क ट्रैफिक एनालिसिस और नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड जैसे
सर्विलांस सिस्टम से नागरिकों के निजता के अधिकार को खतरा है।
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हालांकि,
अपने हलफनामे में, केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि ये सिस्टम कानून
प्रवर्तन एजेंसियों को निगरानी, अवरोधन या डिक्रिप्शन करने के लिए कोई
व्यापक अनुमति नहीं देते हैं। इस संबंध में एक सक्षम प्राधिकारी से अनुमति
की आवश्यकता है।
इसमें आगे कहा गया है कि एनएटीजीआरआईडी परियोजना
व्यक्तियों की रीयल-टाइम प्रोफाइलिंग की अनुमति नहीं देगी, लेकिन विभिन्न
डेटा स्रोतों से जानकारी तक पहुंच की सुविधा के लिए एजेंसियों को आतंकवाद
विरोधी ढांचे के एक हिस्से के रूप में चुनिंदा संस्थाओं के बारे में
चुनिंदा जानकारी प्राप्त करने की अनुमति देगी।
एनजीओ आगामी निगरानी
प्रणालियों पर इस आधार पर एक निगरानी तंत्र बनाने की मांग कर रहे थे कि वे
व्यापक सार्वजनिक निगरानी और गोपनीयता के उल्लंघन की अनुमति दे सकें।
--आईएएनएस
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