इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की पहुंच को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है
कि इंफ्लूएंसर मार्केटिंग (प्रभावशाली लोगों द्वारा जनमत तैयार करना) का
कारोबार कितना बड़ा हो सकता है। सोशल मीडिया विशेषज्ञ अनूप मिश्रा ने
आईएएनएस से कहा, शुरुआत में केवल सेलिब्रिटी ही मार्केटिंग करते हुए ब्रांड
का प्रचार करते थे। लेकिन सोशल मीडिया के आने के बाद हर कोई सेलिब्रिटी हो
गया है, राजनीति समेत हर कुछ का कारोबार हो रहा है।
अमेरिका में यह नियम
है कि भुगतान लेकर पोस्ट करने पर उसका खुलासा करना होता है कि यह पेड पोस्ट
है या निजी राय है। हालांकि वहां भी इस नियम का पालन बहुत कम हो रहा है,
जबकि भारत में तो ऐसा कोई नियम भी नहीं है। चुनाव सिर पर है, ऐसे में
राजनीतिक दल इस मुद्दे पर कोई शिकायत नहीं कर रहे। वाट्सएप के एक कार्यकारी
ने हाल ही में राजनीतिक दलों को उसके प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को लेकर
चेतावनी भी दी है।
(IANS)
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