स्त्र तुषार मेहता ने कहा कि निदेशक अखिल भारतीय सेवा का सदस्य होता है।
जिसपर सीजेआई ने कहा बेशक। तुषार मेहता ने कहा कि मान लीजिए कोई अधिकारी
घूस लेता हुआ कैमरे पर पकड़ा जाता है और उसे फौरन निलंबित करना है, तब ऐसी
स्थिति में इसका अधिकार केंद्र सरकार के पास है। ये भी पढ़ें - क्या आपकी लव लाइफ से खुशी काफूर हो चुकी है...!
सॉलिसिटर जनरल
तुषार मेहता ने दोनों अधिकारी गंभीर मामलों की जांच करने के बजाय एक दूसरे
की जांच कर रहे थें। सीवीसी संसद के प्रति जवाबदेह हैं। जिस पर सीजेआई
गोगोई ने पूछा कि क्या सीबीआई के मामले में सीवीसी की जांच भष्टाचार विरोधी
कानून से आगे जा सकती है। तब तुषार मेहता ने कैबिनेट सेक्रेटरी की सीवीसी
को जुलाई में भेजी गई शिकायत का जिक्र करते हुए कहा कि सीवीसी की कार्रवाई
अचानक नहीं हुई यह मामला पहले से चल रहा था।
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