नई दिल्ली। केंद्रीय
जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ
रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया है। अस्थाना पर धनशोधन के कई मामले में
आरोपी गोश्त निर्यातक मोइन कुरैशी के एक मामले का निपटारा करने के लिए
रिश्वत लेने का आरोप है। यह जानकारी रविवार को एजेंसी की ओर से दी गई।
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा कि शनिवार को सीबीआई के पुलिस
उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार के दिल्ली स्थित घर की तलाशी ली गई। कुमार कुरैशी
के मामले में जांच अधिकारी हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सीबीआई ने कहा, "हैदराबाद के सतीश
बाबू साना की शिकायत के बाद राकेश अस्थाना, देवेंद्र और दो अन्य व्यक्ति,
मनोज प्रसाद और सोमेश्वर प्रसाद के विरुद्ध 15 अक्टूबर को एफआईआर (प्रथम
जांच रिपोर्ट) दर्ज की गई।"
एजेंसी ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारक
कानून के संशोधित प्रावधन के अनुसार, जांच शुरू करने से पहले अनुमति जरूरी
है, लेकिन यह अस्थाना के मामले में लागू नहीं होगा।
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी का आरोप है कि दिसंबर 2017 और अक्टूबर 2018 के बीच कम से कम पांच बार रिश्वत लिए गए।
सीबीआई
ने कहा कि उसके पास सतीश साना का बयान है जोकि आपराधिक प्रक्रिया संहिता
(सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत चार अक्टूबर और 20 अक्टूबर को दो बार
रिकार्ड किया गया है। बयान में अस्थाना और अन्य के खिलाफ आरोप की पुष्टि
होती है।
साना ने अपनी शिकायत में कहा कि उनको एक मुकदमे में मदद
करने के बहाने अस्थाना और देवेंद्र समेत सीबीआई अधिकारियों द्वारा ली गई
भारी रकम का हिस्सा बनाया गया, जबकि उसमें उनकी कोई संलिप्तता नहीं थी।
शिकायतकर्ता साना ने कहा, "मैंने ज्यादातर व्हाट्सएप संदेशों और वॉइस कॉल्स को रिकार्ड कर लिया, जिसे मैं समय पर प्रस्तुत करूंगा।"
सीबीआई का आरोप है कि सोमेश्वर अस्थाना के निवेश को संभालते थे।
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