नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि वह इटली की मूल निवासी 48 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराए। महिला 20 साल से योग-शिक्षिका के बतौर कार्यरत थी।
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साल 2018 के मई महीने में खुद को योगगुरु बताने वाला एक शख्स फेसबुक के जरिये महिला का दोस्त बन गया। बाद में शादी और भारत में एक बड़ा योग-केंद्र खुलवाने का झांसा देकर धोखेबाज ने महिला को इटली से भारत बुलाकर जाल में फंसा लिया।
झांसे में आकर इटली से महिला 22 जुलाई, 2018 को गोवा पहुंच गई। धोखेबाज शख्स ने महिला से ही गोवा में ठहरने के लिए एक अपार्टमेंट बुक कराया। उसी अपार्टमेंट में आरोपी जालसाज ने विदेशी महिला का जुलाई 2018 में महिला से दुष्कर्म किया। दुष्कर्म पीड़िता को आरोपी ने धमकाया कि अगर वो शिकायत करेगी या फिर भारत छोड़कर अपने देश जाने की कोशिश करेगी, तो वो उसे मार डालेगा।
गोवा में जघन्य घटना को अंजाम देने के बाद दिल्ली पहुंचकर भी अनजान महिला के साथ आरोपी ने दुष्कर्म किया। बाद में आरोपी महिला को यह जताने लगा कि वह उससे बेइंतहा प्यार करता है, शादी भी उसी से करेगा। 29 जुलाई, 2018 को उत्तराखंड के ऋषिकेष में पीड़िता पर दुष्कर्मी ने दबाब दिया कि वह उसके साथ किराये के भवन में योगा सेंटर खोलेगा। दबाव और बहकावे में आकर महिला ने मोटी रकम जालसाज के कहने पर बिजनेस में लगा दी। इसके बाद भी आरोपी, महिला को दिल्ली-ऋषिकेष में बार-बार दुष्कर्म का शिकार बनाता रहा।
महिला को शक तब हुआ, जब उसने आरोपी का फेसबुक प्रोफाइल देखा। प्रोफाइल के मुताबिक, आरोपी विवाहित था। जबकि आरोपी, विदेशी महिला से कहता था कि वह उससे शादी करेगा। खुद को अविवाहित भी बताता रहा। पीड़िता के छानबीन करने पर कुछ ही दिन में आरोपी का झूठ सामने आ गया। आरोपी ने महिला के सामने कबूल कर लिया कि वह उसके साथ शारीरिक संबंध तक का रिश्ता रखता था, मगर उसे शादी नहीं करनी थी।
हकीकत का पता चलते ही महिला ने 10 अक्टबूर, 2018 को भारत छोड़ दिया। वह इटली लौट गई। महिला के लौटने के बाद भी आरोपी ऋषिकेष में योग-केंद्र चलाता रहा। 1 दिसंबर, 2018 को पीड़िता ने फेसबुक पर आरोपी का काला चिट्ठा खोल दिया। साथ ही योग से जुड़ी लड़कियों को आगाह किया वे इस दुष्कर्मी धोखेबाज के झांसे में न आएं।
पीड़िता ने सोशल मीडिया पर आरोपी की वो फोटो भी पोस्ट की थीं, जिनमें वह भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का खुद को योगा-इंस्ट्रक्टर बताता था। सोशल मीडिया पर जब आरोपी की करतूतों का भंडाफोड़ हुआ, तो राष्ट्रपति भवन की ओर से दिल्ली पुलिस को एक शिकायत भेजी गई। शिकायत में कहा गया कि आरोपी का राष्ट्रपति या राष्ट्रपति भवन से कोई वास्ता नहीं है। यह सब फरेब है। 13 दिसंबर, 2018 को आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला नई दिल्ली जिले के साउथ एवन्यू थाने में दर्ज कर लिया गया। जबकि पीड़िता को इस एफआईआर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
17 दिसंबर, 2018 को आरोपी को दिल्ली पुलिस ने ऋषिकेश में गिरफ्तार कर लिया। बाद में दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने आरोपी को 22 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। 12 मार्च, 2019 को दिल्ली पुलिस ने मामले में आरोपपत्र अदालत में दाखिल कर दिया। कुछ दिन बाद पीड़िता ने दिल्ली पुलिस की वेबसाइट पर अपना बयान भी भेज दिया।
इसी बीच पीड़िता को फेसबुक एक महिला जोकि खुद को आरोपी की बीवी बता रही थी, ने पीड़िता को धमकाना शुरू कर दिया। कथित महिला, आरोपी के खिलाफ पीड़िता द्वारा दिए गए बयान को वापस लेने की धमकी दे रही थी।
जांच में पता चला कि पीड़िता जो महिला आरोपी की बीवी बनकर धमका रही थी, असलियत में वो खुद आरोपी ही था। बाद में महिला सब-इंस्पेक्टर ज्योति ने पीड़िता के जब बयान दर्ज किए, तो पता चला कि उसके साथ आरोपी ने कई बार दुष्कर्म भी किया था। न कि सिर्फ आर्थिक धोखेबाजी। इन्हीं तमाम धमकियों के मद्देनजर अदालत ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि वह 24 घंटे पीड़िता की सुरक्षा में महिला पुलिस अधिकारी तैनात करे।
अब पीड़िता ने बताया कि उसका वीजा 9 या 10 फरवरी, 2020 को खत्म हो रहा है। साथ ही पीड़िता को स्तन कैंसर भी है। लिहाजा, ऐसे में उसे इलाज के लिए भी भारत में रुकना है। भारत में इलाज और उसके वीजा की अवधि बढ़ाए जाने का इंतजाम करवाया जाए। पीड़िता की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते उसका अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज भी निशुल्क कराने का इंतजाम किया जाए। अदालत के आदेश के मुताबिक, पीड़िता के वीजा की अवधि बढ़ाने के लिए विदेश मंत्रालय को तुरंत कारगर कदम उठाना है।
इस बारे में शुक्रवार देर रात पीड़िता के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव, संकल्प तिवारी और नीलेश तिवारी ने भी आईएएनएस ने बात की। उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस संबंध में विभिन्न एजेंसियों को 31 जनवरी, 2020 (शुक्रवार) को दिए गए इस आदेश की पुष्टि की।
--आईएएनएस
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