नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2030 तक महत्वाकांक्षी 450 गीगावाट (जीडब्ल्यू) नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए भारत और फ्रांस के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी। यह संधि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 2022 के लक्ष्य से पहले नवीकरणीय ऊर्जा के 175 गीगावॉट के लक्ष्य को प्राप्त करने और 2030 तक 450 गीगावॉट के लक्ष्य के अनुरूप है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पिछले साल नवंबर में एक जी-20 आभासी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने इस करार की घोषणा की थी।
इस वर्ष जनवरी में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य आपसी लाभ, समानता और पारस्परिक संबंधों के आधार पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने का आधार स्थापित करना है।
इस समझौता ज्ञापन में सौर, वायु, हाइड्रोजन और बायोमास ऊर्जा से संबंधित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। इसमें वैज्ञानिक और तकनीकी कर्मियों का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण, वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय जानकारी और डेटा का आदान-प्रदान, कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन, उपकरणों, तकनीकी जानकारी और प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण और संयुक्त अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकीय परियोजनाओं का विकास भी शामिल है।
यह समझौता ज्ञापन नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकीय जानकारी के विकास में सहायता करेगा और इससे वर्ष 2030 तक 450 गीगावाट (जीडब्ल्यू) की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य अर्जित करने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
--आईएएनएस
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