नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीम-यूपीआई लेनदेन (व्यक्ति से व्यापारी) को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल 2022 से एक साल की अवधि के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी। 2022-23 में स्वीकृत प्रोत्साहन योजना में 2,600 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय है। योजना के तहत, अधिग्रहण करने वाले बैंकों को वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन (पी2एम) का उपयोग करके पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
2021-22 में सरकार ने डिजिटल लेनदेन को और बढ़ावा देने के लिए 2021-22 की बजट घोषणा के अनुपालन में एक प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी थी। परिणामस्वरूप, कुल डिजिटल भुगतान लेनदेन में साल-दर-साल 59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 12020-21 में 5,554 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 8,840 करोड़ हो गया है।
भीम-यूपीआई लेनदेन ने 106 प्रतिशत की साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है, जो 2020-21 में 2,233 करोड़ से बढ़कर 2021-22 में 4,597 करोड़ हो गया है। डिजिटल भुगतान प्रणाली के विभिन्न हितधारकों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर शून्य एमडीआर शासन के संभावित प्रतिकूल प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की।
इसके अलावा, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने भीम-यूपीआई और रुपे डेबिट कार्ड लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए इकोसिस्टम हितधारकों के लिए लागत प्रभावी मूल्य प्रस्ताव बनाने, व्यापारी स्वीकृति पदचिह्न् बढ़ाने और नकद भुगतान से डिजिटल भुगतान में तेजी से प्रवासन के लिए अनुरोध किया।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि यह प्रोत्साहन योजना मजबूत डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण और रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की सुविधा प्रदान करेगी।
--आईएएनएस
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