शाहीनबाग में वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन
आए, उससे ठीक पहले स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शन स्थल से
मीडिया को बुलाया और कहा कि "वार्ताकार आप सभी लोगों से मिलना चाहते हैं।
उसके बाद सभी मीडियाकर्मियों को प्रदर्शन स्थल से ले जाया गया। बाद में यह
बात सामने आई कि वार्ताकार मीडिया के सामने बात नहीं करना चाहते। जब ये बात
प्रदर्शनकारियों के सामने आई तो एक तरह से हंगामा खड़ा हो गया और वहां मंच
से ऐलान हुआ कि वे मीडिया के सामने ही बात करेंगे।
उन्होंने कि
यहां कोई मीडियाकर्मी न सवाल पूछेगा, न कुछ बोलेगा। बस प्रदर्शनकारियों और
वार्ताकारों की बात सुनेगा। उसके बाद वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील
साधना रामचंद्रन प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे तो प्रदर्शनकारियों ने उनका
तालियों से स्वागत किया।
वकील संजय हेगड़े ने बात शुरू की और मंच से
कहा कि आप सभी लोग बैठ जाइए। हम आपसे बात करने आए हैं और हमारे पास वक्त
है। हम आराम से आपकी बात सुनेंगे।
इसके बाद संजय हेगड़े ने सुप्रीम
कोर्ट का आदेश प्रदर्शनकारियों के सामने पढ़ा और वकील साधना ने उस ऑर्डर को
महिलाओं और वहां मौजूद प्रदर्शनकरियों को समझाया। उसके बाद वकील साधना ने
कहा कि आंदोलन करने का हक बरकरार है, लेकिन और भी नागरिक हैं।
वकील
साधना ने कहा कि हम फैसला करने नहीं आए हैं और न ही हम चाहते हैं कि बात हम
करेंगे, क्योंकि ये आपका हक है, हम यहां बुजुर्गों की बात सुनने आए हैं।
उसके
बाद वकील साधना ने कहा कि पहले हम दादियों की बात सुनेंगे, जिसके बाद
प्रदर्शन कर रहीं दादी ने कहा कि "कानून वापस ले लो सड़क खुल जाएगी!"
दादी
ने कहा कि तीन साइड की सड़क पुलिस ने बंद कर रखी है, दादियों की बात खत्म
होने के बाद फिर अन्य प्रदर्शनकारियों ने अपनी बात एक-एक करके रखना शुरू
की।
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब हमारी बात यहां नहीं सुनी
जा रही तो अगर हम कहीं और बैठ जाएंगे तो कौन सुनेगा हमारी बात? अगर हम यहां
से उठ गए तो पूरे देश में प्रदर्शन कर रहे लोगों की ताकत छीन ली जाएगी।
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