शाहीनबाग में वार्ताकारों के सामने अपनी बात रखने के लिए
प्रदर्शनकारी सुबह से ही इंतजार कर रहे थे। इसको लेकर महिला प्रदर्शनकरियों
ने पहले से तैयारी भी की हुई थी कि किस तरह हमें अपनी बात रखनी है और क्या
क्या मांगें रखनी है, एक प्रदर्शनकारी महिला ने कागज के पन्ने पर सभी
महिलाओं की राय लिखी हुई थी, ताकि वातार्कारों के सामने रखी जा सके।
मुख्य
तौर पर सभी प्रदर्शनकरियों की मांग एक ही थी कि सीएए और एनआरसी को वापस
लिया जाए, क्योंकि ये संविधान के खिलाफ हैं। इसके साथ-साथ प्रदर्शनकरियों
की मांग थी कि पुलिस द्वारा हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई है, उनको
मुआवजा या पेंशन दिया जाए। साथ ही इस आंदोलन में जितने लोगों पर मुकदमे हुए
हैं, उनको वापस लिया जाए।
सूत्रों की मानें तो प्रदर्शनकारियों ने
बुधवार तड़के 3 बजे एक बैठक भी बुलाई गई थी, जिसका मकसद यह तय करना था कि
वार्ताकारों के सामने किस तरह अपनी बात रखना है और क्या-क्या मांगें रखनी
हैं।
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