उन्होंने अपने संबोधन में कहा, एनसीसी देश के प्रति अनुशासन,
संकल्प और समर्पण की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए एक मंच है। यह देश
के विकास से सीधे जुड़ा हुआ है। उन्होंने युवा अनुशासित कैडेट्स की
सराहना की और कहा कि भारत को ऐसे युवाओं की जरूरत है, क्योंकि निराशावादी
और नकारात्मक मानसिकता वाले कुछ लोगों ने देश की प्रगति में देरी की है।
प्रधानमंत्री
ने कहा कि आजादी के बाद से कुछ राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर के मुद्दों की
अनदेखी करते रहे और घाटी में आतंकवाद को पनपने दिया। मोदी ने कहा, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 अस्थायी था, इसलिए हमने इसे हटाया। पहले
चारों ओर आतंकवादी हमले, अलगाववादियों के प्रदर्शन, हिंसा, तिरंगे का अपमान
और घोटाले की खबरें आती थीं। हम इसके लिए तैयार नहीं हैं। कोई बीमारी ठीक न
हो तो वह गंभीर रूप धारण कर लेती है। हम समस्याओं को ऐसे नहीं ले सकते।
कश्मीर में समस्याएं थीं, लेकिन वहां के दो-चार परिवारों ने इन्हें बनाए
रखा और राजनीति करते रहे। आतंकियों की हिम्मत बढ़ती गई। लाखों लोगों को
अपने घरों से निकाल दिया गया और सरकार कुछ नहीं कर पाई। इसी से आतंकियों की
हिम्मत बढ़ी।
उन्होंने कहा, हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन जंग
हार चुका है। हमारी सेनाओं को उसे हराने में 10-12 दिन भी नहीं लगेंगे। वह
दशकों से हमसे प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है। इसमें हजारों नागरिकों, जवानों की
जान गई है।
--आईएएनएस
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