गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में कहा गया है कि शाहीन बाग
में धरना दे रहीं महिलाएं शिफ्ट के हिसाब से आती हैं और प्रत्येक शिफ्ट के
लिए हर एक महिला को 500 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। इस वीडियो की
सत्यता साबित नहीं हो पाई है। सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो से स्थानीय
लोग काफी नाराज हैं।
लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर भी किया और कहा कि इस पर
अधिक बात न की जाए। यहां मौजूद इमरान ने कहा कि सोशल मीडिया पर जारी वीडियो
और उस पर की जा रही चर्चा सिर्फ शाहीन बाग के प्रदर्शन को बदनाम करने के
लिए है। इसलिए वे इस पर कोई बात ही नहीं करना चाहते। इस बीच दिल्ली पुलिस
ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वे शाहीन बाग की मुख्य सडक़
से हट जाए।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से कहा है, आपके इस तरह मुख्य सडक़
मार्ग को अवरुद्ध करने से यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। इससे लोगों
और छोटे स्कूली बच्चों को घंटों जाम का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस
शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए क्षेत्रीय अमन कमेटी के
सदस्यों से भी बात कर रही है।
(IANS)
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