नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले एक महीने से ज्यादा समय से यहां शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के बीच नो कैश नो पेटीएम के पोस्टर लगे दिखाई दिए हैं। ये पोस्टर उस आरोप के जवाब में लगाए गए हैं, जिनमें कहा गया है कि यहां आने के लिए हर महिला को 500 रुपए दिए जा रहे हैं। इस आरोप से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वायरल वीडियो में कहा गया है कि प्रत्येक महिला को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए 500 रुपए दिए जा रहे हैं। इसी वीडियो के जवाब में अब शाहीन बाग में जगह-जगह नो कैश नो पेटीएम के पोस्टर लगाए गए हैं। प्रदर्शनकारियों के अनुसार प्रदर्शन स्थल पर ये पोस्टर यह बताने के लिए लगाए गए हैं कि न यहां कोई पैसे ले रहा है और न कोई पैसे दे रहा है।
शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही मुमताज बताती हैं कि बैंक अकाउंट ट्रांसफर, ऑनलाइन ट्रांसफर और कैश ये तीनों ही तरीके से यहां पैसे देना या लेना प्रतिबंधित है। प्रदर्शनकारियों के बीच लगे इस पोस्टर में भी तीनों ही प्रकार से लेन-देन की मनाही दिखाई गई है। इसके अलावा अब बार-बार शाहीन बाग के इस मंच से भी प्रदर्शनकारियों को सतर्क किया जा रहा है।
यहां व्यवस्था संभाल रहीं आरफा ने कहां कि जो लोग सोशल मीडिया में शाहीन बाग की औरतों को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं, ये पोस्टर्स अफवाह फैला रहे उन लोगों पर तंज और एक प्रकार का व्यंग्य है। शनिवार सुबह शाहीन बाग की सडक़ पर धरना देने पहुंचीं 63 वर्षीय अशर्फी ने कहा, हम यहां 500 रुपए लेने नहीं आए हैं, बल्कि हम तो अपने उन 500 सालों को बचाने आए हैं, जो हिंदुस्तान की इस मिट्टी में दफन है। अशर्फी के मुताबिक, उन्हें डर है कि उन्होंने अब अगर आवाज नहीं उठाई तो आने वाले कल में उनके बच्चे मुसीबत में पड़ सकते हैं।
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