नई दिल्ली। जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ छात्राएं सामने आईं। विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 के बाहर इन छात्राओं ने कई दिनों से चले आ रहे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। इनमें से कई छात्राओं की उम्र महज 10 से 12 साल के बीच थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदर्शनकारी छात्राओं में जामिया विश्वविद्यालय के अलावा जामिया स्कूल की छात्राएं भी शामिल रहीं। शुक्रवार को जब अधिकांश प्रदर्शनकारी जुमे की नमाज के लिए मस्जिदों में थे तब सीएए विरोधी प्रदर्शन की जिम्मेदारी जामिया की छात्राओं ने संभाली। मौलाना अब्दुल कलाम आजाद गेट के बाहर करीब 50 छात्राएं धरने पर बैठ गईं।
वहीं जुमे की नमाज समाप्त होने के बाद सैकड़ों की तादात में बाटला हाउस, जामिया नगर, जाकिर नगर व आसपास के स्थानीय लोग जामिया कैंपस के बाहर जमा हो गए। जुमे की नमाज के बाद बड़े-बड़े गुटों में अधिकांश लोग सीधे जामिया विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 के बाहर एकत्र हुए। अपराह्न् तीन बजे तक यहां बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी पहुंच चुके थे।
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