नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एससी और एसटी के बारे में दिए बयान से भाजपा नेता उदित राज और केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले नाराजगी जताई है।दोनों नेताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री को अपना दिया हुआ बयान वापस ले लेना चाहिए । इससे दलितों में नाराजगी और बढ जाएगी। मामला यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल में एक ट्वीट कर बताया था कि मध्य प्रदेश में एससी-एसटी एक्ट के तहत बिना जांच किए गिरफ्तारी नहीं हो पाएगी। एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग नहीं हो पाएगा। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जब चौहान से पूछा गया कि इस एक्ट के खिलाफ कोई अध्यादेश लाया जाएगा। इस पर चौहान ने कहा कि मुझे जो कहना था वह कह दिया। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में सवर्ण, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति सभी वर्गों के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा, जो भी शिकायत आएगी, उसकी जांच के बाद ही किसी की गिरफ्तारी हो सकेगी।
भाजपा सांसद उदित राज ने बताया इस मामले मैं तकलीफ महसूस कर रहा हूं कि ऐसा बयान क्यों दिया जा रहा है। हमारी सरकार ने कानून को मजबूत कर दिया है और हमारे पार्टी के मुख्यमंत्री डाइल्यूट करने में लगे हैं। समाज के अंदर फिर से निराशा और आक्रोश पैदा हो गया है। इस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। उदित राज ने बताया कि यह हमारा समाज है, इसमें एकता होनी आवश्यकता है, जो अंतर्विरोध है खत्म होने जरूरत है। इन समाजों की बीच अंतर खत्म होना चाहिए। इससे तो जातिवाद को बढवा मिलेगा, मैं बात पार्टी में भी रखूंगा। मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी बात करूंगा कि एससी-एसटी के मामले में ही पार्टी दोहरा चरित्र अपना रही है।
शिवराज सिंह चौहान से भी बात करूंगा कि वे इस मामले को वापस लें, ऐसे बयान नहीं दें। उल्लेख है कि सर्वोच्च न्यायालय ने एससी-एसटी एक्ट के मामले में निर्णय सुनाया था और जांच के बाद ही प्रकरण दर्ज करने की बात कही थी। मोदी सरकार ने एक अध्यादेश लाकर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णया को बदल दिया था।
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