नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में समयपुर बादली मेट्रो स्टेशन के पास स्थित कई झोंपड़ियों को शुक्रवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत धराशायी कर दिया गया। ध्वस्त की गई झोंपड़ियों को मुख्य सड़क के फुटपाथ पर, यानी मेट्रो पुल के ठीक नीचे सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जैसे ही नगर निकाय के अधिकारी वहां पहुंचे, लोगों को अभियान का विरोध करने के बजाय, अस्थायी रूप से निर्मित संरचनाओं को स्वयं हटाते हुए देखा गया। समयपुर गांव निवासी अशोक यादव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम के अभियान की सराहना की।
उन्होंने कहा, "जहां झोपड़ियां स्थित थीं, वह हमारे गांव का एकमात्र प्रवेश बिंदु था। यहां से गुजरना बहुत मुश्किल काम हो गया है। शाम के समय साइकिल रिक्शा के गुजरने की भी जगह नहीं थी।"
जिन झोंपड़ियों को तोड़ा गया उनमें से अधिकांश में एक तिरपाल की छत थी, जो विध्वंस के बाद अन्य घरेलू सामानों के साथ सड़क पर बिखरी हुई देखी जा सकती थी।
क्षेत्र की पार्षद एवं पूर्व मेयर प्रीति अग्रवाल ने बताया कि उक्त अवैध कब्जा पिछले कई वर्षों से है।
उन्होंने कहा, "हम इन अतिक्रमणों को केवल लोगों के लिए हटा रहे हैं। हम केवल आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं।"
हालांकि, गरीब लोगों ने झोंपड़ियों को तोड़े जाने के बाद गुस्सा जाहिर किया और उन्होंने भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम के खिलाफ कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
--आईएएनएस
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