दिल्ली चुनाव हारने के बाद से भाजपा के राष्ट्रवादी एजेंडे से कई सहयोगी
असहज हो सकते हैं। ध्यान रहे कि दिल्ली में जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार के
साथ साझा रैलियों में भाजपा ने विवादित मुद्दों को उठाने से परहेज किया।
लेकिन भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन का मानना है, दिल्ली चुनाव का बिहार पर कोई
असर नही पड़ेगा। जद(यू) के साथ भाजपा के संबंध मधुर हैं। बिहार में एनडीए
के नेता नीतीश कुमार हैं। हम बिहार भी जीतेंगे और पश्चिम बंगाल भी।
सीट
बंटबारे को लेकर जद(यू) के साथ कोई दिक्कत नहीं होगी। गौरतलब है कि एनआरसी,
एनपीआर पर जद(यू), अकाली दल ने आपत्ति जताई है। अकाली दल ने सीएए पर भी
आपत्ति जताई है। अब दिल्ली के नतीजों के बाद दलों का दबाव भाजपा पर बढ़ेगा।
वैसे भी झारखंड व महाराष्ट्र के नतीजे के बाद सहयोगियों ने खुलकर राजग की
कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
लोकसभा चुनाव 2019 में प्रचंड बहुमत के साथ भले
भाजपा के नेतृत्व वाला राजग केंद्र में दोबारा काबिज हुआ है, लेकिन
राज्यों में उसकी हार का सिलसिला रुक नहीं रहा। मार्च 2018 में 21 राज्यों
में राजग की सरकार थी, जो अब सिमटकर 16 राज्यों में ही रह गई। 2019 लोकसभा
चुनाव के बाद भाजपा केवल हरियाणा में सरकार बना सकी है। फिलहाल 12 राज्यों
में विपक्षी दलों की सरकारें हैं।
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