कांग्रेस की आय वित्त वर्ष 2017-18 में 199.15 करोड़ रुपए से 360.97
प्रतिशत (718.88 करोड़ रुपए) बढक़र वित्त वर्ष 2018-19 में 918.03 करोड़
रुपए हो गई। वित्त वर्ष 2017-18 से 2018-19 के बीच सबसे ज्यादा आय वृद्धि
3,628.47 प्रतिशत (187.48 करोड़ रुपए) टीएमसी की हुई और उसने 2017-18 में
5.167 करोड़ रुपए की आय से बढक़र 2018-19 में 192.65 करोड़ रुपए हो गई।
एडीआर विश्लेषण के अनुसार राष्ट्रीय दलों ने दान, योगदान को अपनी आय के तीन
प्रमुख साधनों में गिनाया।
दान और योगदान से राजनीतिक दलों- भाजपा को
2354.02 करोड़ रुपए, कांग्रेस को 551.55 करोड़ रुपए, टीएमसी को 141.54
करोड़ रुपए, माकपा को 37.228 करोड़ रुपए और भाकपा को 4.08 करोड़ रुपए की आय
हुई। एडीआर के अनुसार, कुछ राष्ट्रीय दलों ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स स्कीम,
2018 पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए इसकी आलोचना की है। उन्होंने हर
सार्वजनिक मंच पर इसकी हरसंभव आलोचना की है और एक राष्ट्रीय पार्टी ने तो
इसके खिलाफ जनहित याचिका तक दायर कर दी है।
हालांकि अजीब बात है कि वही दल
इलेक्टोरल बॉन्ड्स के माध्यम से चंदा स्वीकार कर रहे हैं। दानदाताओं को
गोपनीयता प्रदान करते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड्स वित्त वर्ष 2018-19 में
राष्ट्रीय दलों को चंदा देने में सबसे लोकप्रिय माध्यम के रूप में उभरा है।
वित्त वर्ष 2018-19 में छह राष्ट्रीय दलों की 1931.43 करोड़ रुपए (52
प्रतिशत से अधिक) इलेक्टोरल बॉन्ड्स से हुई है।
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