भाजपा को उम्मीद है कि उसे अन्नाद्रमुक के 11 सांसदों का समर्थन
मिलेगा। इससे उसके पास 116 सांसदों का समर्थन हो जाएगा। इसके बाद चार और
सांसदों का समर्थन ही चाहिए होगा।
सूत्रों का कहना है ऊपरी सदन में
विधेयक को पारित कराने के लिए संसद द्वारा सत्र शुरू होने से पहले ही नवीन
पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल से संपर्क किया गया था। एक सूत्र ने कहा,
"नवीन बाबू ही नहीं, बल्कि वी. कार्तिकेयन पांडियन को भी इस काम के लिए
संपर्क किया गया था।" पांडियन को पटनायक का खासमखास माना जाता है। भाजपा का
मानना है कि उसे बीजद के सभी सातों सांसदों का समर्थन मिलेगा।
इसके
बाद पार्टी के पास जरूरत से तीन अधिक मत हो जाएंगे। लेकिन, भाजपा नेतृत्व
की कोशिश इससे भी ज्यादा की है। उसे उम्मीद है कि आंध्र की वाईएसआरसीपी के
दो सांसदों का समर्थन भी उसे मिलेगा।
भाजपा के एक महासचिव ने कहा, "बस देखते रहिए, कल (बुधवार को) विजय हमारी होगी।"
राजग
सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी इस विधेयक को पेश किया था और इसे
लोकसभा की मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन, यहा राज्यसभा में पास नहीं हो सका
था।
इस बार सरकार के खिलाफ और अधिक विरोध प्रदर्शन होने के कारण गृह
मंत्री अमित शाह व्यक्तिगत रूप से विधेयक पारित कराने के लिए रणनीति बनाने
में जुटे हैं।
--आईएएनएस
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