नई दिल्ली । कई राज्यों ने वैक्सीन की
कमी की शिकायत की है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कथित रूप से
लोगों को गुमराह करने के लिए विपक्षी शासित राज्यों को दोषी ठहराया है।
पार्टी ने कहा है कि पहले विपक्ष ने एक उदार वैक्सीन नीति की मांग की और जब
राज्यों को सीधे खरीद करने का अधिकार दिया गया और टीकाकरण समूह का विस्तार
किया गया, तो फिर भी वे शिकायत कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भाजपा ने गुरुवार को
विपक्षी शासित राज्यों के कांग्रेस नेताओं और स्वास्थ्य मंत्रियों के
बयानों का एक वीडियो जारी किया। एक वीडियो में, झारखंड और छत्तीसगढ़ के
स्वास्थ्य मंत्रियों और कांग्रेस नेताओं को इस साल जनवरी में वैक्सीन की
प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए देखा जा सकता है।
ट्विटर पर तीन मिनट
के वीडियो को साझा करते हुए, भाजपा के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के
राष्ट्रीय प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि भारत महामारी के बीच में है और
इसके वैज्ञानिकों ने समय पर वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए कड़ी दौड़ लगाई
है। इन्हें आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दिए जाने से पहले उनकी अलग-अलग
समीक्षा की गई, ताकि जीवन को बचाया जा सके। लेकिन विपक्ष, विशेष रूप से
कांग्रेस ने इसका मजाक उड़ाया। परिणाम : लोग मर रहे हैं।
कई विपक्षी
मुख्यमंत्रियों द्वारा अन्य प्रोड्यूसर्स को वैक्सीन बनाने की अनुमति देने
की मांग पर, मालवीय ने ट्वीट किया, भारत अपनी खुद की वैक्सीन पाने वाले
पहले देशों में शुमार है। विपक्ष ने इसका मजाक उड़ाया, वैक्सीन को लेकर
हिचकिचाहट को बढ़ावा दिया। अब दूसरे उछाल (कोरोना की दूसरी लहर) के बाद, हर
कोई वैक्सीन चाहता है। लेकिन केवल सीमित उत्पादन क्षमता ही है। वैक्सीन
कोई जैम नहीं है कि कोई भी इसका उत्पादन कर सकता है। इसलिए हमें शेड्यूल और
प्राथमिकता तय करनी है।
कोरोना की दूसरी लहर से लगातार बिगड़ते
देश के हालात पर अब विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर होने लगी
हैं। इसी के चलते कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा
सुप्रीमो शरद पवारसमेत विपक्ष के 12 दलों के नेताओं ने बुधवार को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र भी लिखा।
इस पत्र में
पीएम मोदी से कोरोना वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने को कहा है। पत्र में कहा
गया है कि केंद्र को सभी वैश्विक और घरेलू स्त्रोतों का इस्तेमाल कर
वैक्सीन की खरीद में तेजी लानी चाहिए और वैक्सीन के पेटेंट को रद्द करते
हुए इसे निर्माण के लिए लाइसेंस जारी करने चाहिए।
दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन का
फामूर्ला सभी सक्षम कंपनियों के लिए सार्वजनिक करने की अपील की है। देश में
अभी केवल दो कंपनियां कोरोना वैक्सीन बना रही है।
वहीं दिल्ली के
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से कोरोना वैक्सीन का
फामूर्ला सभी सक्षम कंपनियों के लिए सार्वजनिक करने की अपील की है। देश में
अभी केवल दो कंपनियां कोरोना वैक्सीन बना रही है।
केजरीवाल के
मुताबिक वैक्सीन का फार्मूला अन्य कंपनियों को भी देने से अधिक वैक्सीन का
उत्पादन होगा और सभी को वैक्सीन लगाई जा सकेगी। मुख्यमंत्री अरविंद
केजरीवाल ने मंगलवार को कहा था कि वैक्सीन एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है और
आज केवल दो कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं। यह दोनों कंपनियां मिलकर महीने
में केवल छह-सात करोड़ वैक्सीन बनाती हैं। ऐसे देश के सभी लोगों को वैक्सीन
लगाने में दो साल से अधिक का समय लग जाएगा। तब तक कोविड की पता नहीं कितनी
लहरें आ जाएगी, कितनी बर्बाद हो जाएगी। इसलिए यह जरूरी है कि हम भारत में
वैक्सीन का उत्पादन युद्ध स्तर पर करें। देश के हर नागरिक को अगले कुछ
महीने में वैक्सीन लगाने की राष्ट्रीय योजना बनाए।
--आईएएनएस
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