नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे सेशन कोर्ट ने पुणे पुलिस को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पुणे पुलिस को राहत देते हुए गिरफ्तार 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का समय दिया है। आपको बता दें कि पुलिस ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में रोना विल्सन सहित एक्टिविस्ट सुधीर धावले, वकील सुरेंद्र गडलिंग, एक्टिविस्ट महेश राउत, शोमा सेन को गिरफ्तार किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं वरवर राव, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा, वर्णन गोंजाल्विस और सुधा भारद्वाज को पुलिस कस्टडी देने की मांग को ठुकरा दिया था। दरअसल पुलिस की मांग थी कि सभी गिरफ्तार किए गए लोगों को पूछताछ के लिए कस्टडी में दिया जाए लेकिन कोर्ट ने उनकी मांग को ठुकराते हुए कहा कि सभी लोग हाउस अरेस्ट रहेंगे मतलब उनके घर में जा कर ही पुलिस को पूछताछ करनी पड़ेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस को 5 सितम्बर तक सभी ज़रूरी दस्तावेज जमा करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद पुणे पुलिस के सूत्रों ने दावा किया कि गिरफ्तारी ऐसे सबूतों के आधार पर हुई है, जिनसे पता चलता है कि आरोपी बड़ी साजिश रच रहे थे।
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