नई दिल्ली। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसानों का आंदोलन आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत को प्रभावित नहीं करेगा। उन्होंने कहा, राज्य के पश्चिमी हिस्से के किसान पार्टी के पक्ष में मतदान करेंगे। हालांकि, केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया है। आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत की कहानी 10 फरवरी को पहले चरण से शुरू होगी, जो सातवें और अंतिम चरण तक जारी रहेगी।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पहले चरण में 10 फरवरी को कुल 58 सीटों पर और दूसरे चरण में 55 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होगा। ब्रज क्षेत्र को किसानों का गढ़ कहा गया है। भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी इसी क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं और माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन ने भी भाजपा की जीत की संभावना को कमजोर कर दिया है।
हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के दावों के विपरीत, भाजपा के दिग्गज ने दावा किया कि पहले दो चरणों के चुनाव में किसानों के आंदोलन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और पार्टी 2017 में जितनी सीटें जीती थी, उसके बराबर या उससे अधिक वह इस चुनाव में सीटें जीतेगी।
पहले दो चरणों में कुल 113 सीटों पर भाजपा का कब्जा होगा। इसमें से बीजेपी ने 105 सीटों पर अपनी उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया है और बाकी 8 सीटों के लिए जल्द ही उम्मीदवारों की घोषणा करेगी।
इस बीच, भाजपा के कुशल चुनावी रणनीतिकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 जनवरी से फिर उत्तर प्रदेश में होंगे। यह भी कहा जा रहा है कि शाह की योजना पश्चिम और ब्रज क्षेत्र सहित पूरे राज्य का दौरा करने की है।
चुनाव प्रचार के तहत शाह के राज्य के पश्चिमी हिस्से में जाट समुदाय के नेताओं से भी मिलने की संभावना है। इसके अलावा पार्टी को मथुरा के मुद्दे पर ब्रज में भारी जन समर्थन की भी उम्मीद है।
--आईएएनएस
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