नई दिल्ली। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की पांच सदस्यीय समिति जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ शहर का दौरा करेगी और नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करेगी। बीसीआई अध्यक्ष मनन मिश्रा ने रविवार को कहा कि इसके लिए वह 19 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय से वक्त देने की मांग करेंगे। तथ्य का पता लगाने वाले दल में पूर्व बीसीआई अध्यक्ष तरुण अग्रवाल, बीसीआई सहअध्यक्ष एस. प्रभाकरण, रामचंद्र जी. शाह, उत्तराखंड बार काउंसिल की सदस्य रजिया बेग और वकील नरेश दीक्षित शामिल हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मिश्रा ने यहां संवाददाताओं को बताया कि टीम राज्य का दौरा करेगी और जम्मू व कठुआ के बार संघ के पदाधिकारियों से मिलेगी। साथ ही वह पीडि़त के परिवार और आम लोगों से मुलाकात करेगी और पता लगाएगी कि वास्तव में क्या हुआ था। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हुई बैठक में बीसीआई ने 20 अप्रैल को कठुआ में अपनी टीम भेजने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस बारे में जम्मू व कठुआ के बार संघ अध्यक्ष से बात की है। मैं वकीलों की हड़ताल को तुरंत समाप्त करने और दौरा करने वाली बीसीआई टीम के पूर्ण सहयोगा का आश्वासन दिया है।’’ मिश्रा ने दावा किया कि बीसीआई को बताया गया है कि जम्मू में वकीलों के विरोध के पीछे का कारण आरोपी को बचाना नहीं बल्कि इसके बजाए जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा पारित किए गए कुछ कानूनों पर ध्यान केंद्रित करना है।
मिश्रा ने कहा कि अगर समिति वकीलों की ओर से किसी भी तरह का दुराचार पाती है तो बीसीआई के पास विवाद को पैदा करने वाले और कानूनी पेशे की छवि खराब करने वालों के लाइसेंस रद्द करने का अधिकार है।
--आईएएनएस
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