नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वकीलों के चैंबर के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) उस 1.33 एकड़ जमीन पर अपना अधिकार नहीं जता सकता, जिसे केंद्र ने शीर्ष अदालत के अभिलेखागार को बदलने के लिए आवंटित किया है। एससीबीए ने वकीलों के कक्षों के निर्माण के लिए शीर्ष अदालत को आवंटित 1.33 एकड़ भूमि को परिवर्तित करने के निर्देश की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल और पी.एस. नरसिम्हा ने कहा कि इस तरह के निर्देश न्यायिक पक्ष से जारी नहीं किए जा सकते हैं, और उन्होंने बार एसोसिएशन द्वारा मांगी गई राहत देने से इनकार कर दिया।
पीठ ने कहा, हालांकि, हम वर्तमान और भविष्य के लिए संस्थान की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने के लिए अपने प्रशासनिक पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय के लिए इसे खुला छोड़ देते हैं।
पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ब्लॉक के रूप में भगवानदास रोड के पास पूरे क्षेत्र के रूपांतरण के लिए एससीबीए की प्रार्थना को भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इस तरह के निर्देश न्यायिक पक्ष से जारी नहीं किए जा सकते हैं।
17 मार्च को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बार एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सरकार को यह संकेत नहीं जाना चाहिए कि अदालत न्यायिक आदेश पारित करके अपने अधिकार की सीमा का अतिक्रमण कर सकती है।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह वकीलों के चैंबर के लिए भूमि आवंटन का मामला सरकार के समक्ष उठाएगी।
--आईएएनएस
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