नई दिल्ली। आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं में जिन खर खरीददारों को अपने घर का कब्जा अभी तक नहीं मिल पाया है, उन्हें एक राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बैंकों को निर्देश दिया कि वे खरीदारों को दिए गए कर्ज की बाकी बची राशि जारी करें, जिसे एनपीए घोषित किया जा चुका है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऋण का पुनर्गठन आरबीआई के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप किया जाना चाहिए और साथ ही उन रियल एस्टेट कंपनियों को भी राहत प्रदान की जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई आवास परियोजनाओं को पूरा नहीं कर पाई हैं।
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न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली एक पीठ ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण भुगतान में देरी के लिए रियल एस्टेट कंपनियों से भारी ब्याज दर न वसूले और ब्याज की दर 8 प्रतिशत से नीचे रखी जाए।
घर खरीदारों के वकील एम.एल. लाहोटी ने कहा, "इस निर्देश से पर्याप्त फंड पैदा होगा और एनबीसीसी इन परियोजनाओं को तेजी से पूरा कर पाएगा।"
--आईएएनएस
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