नई दिल्ली। अयोध्या विवाद मामले में चार प्रमुख वकील उभरकर सामने आए हैं, जिन्होंने करीब दो महीने की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के सामने अपने पक्षों को मजबूती के साथ रखकर उसकी वैधता स्थापित करने की कोशिश की। हिंदू पक्षकारों की ओर से मामले को अदालत के सामने प्रस्तुत करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता के. पारासरन और सी. एस. वैद्यनाथन और मुस्लिम पक्षकारों की ओर से अधिवक्ता राजीव धवन और मीनाक्षी अरोड़ा ने अप्रतिम कुशलता के साथ अपना पक्ष पेश किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अतिशय राजनीति महत्व वाला यह मामला अब अंतिम चरण में है। मुस्लिम पक्षकार अपने पक्ष को स्थापित करने के आखिरी दौर में हैं, जिस पर हिंदू पक्षकारों ने अपना जवाब दाखिल किया और इनकी दलील 18 अक्टूबर को पूरी होगी। मामले में रोजाना सुनवाई छह अगस्त से शुरू हुई थी, जो विभिन्न चरणों से गुजरी है।
सुनवाई के दौरान हिंदू आस्था और कानून के संदर्भ का उल्लेख किया गया, जिसे मुस्लिम पक्षकारों ने खारिज किया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। इस विवाद की शुरुआत 19वीं सदी में ही हुई, लेकिन अभी इस पर कानूनी फैसला आना बाकी है।
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