नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय में सीजेआई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने 22 अप्रैल को सुझाव दिया था कि उनके खिलाफ शीर्ष अदालत के तीन पूर्व जजों की कमिटी बनाकर जांच करनी चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
केके वेणुगोपाल का कहना था कि तीन पूर्व न्यायाधीशों की कमिटी को सुप्रीम कोर्ट में नौकरी से हटाई गई महिला के आरोपों की जांच करनी चाहिए।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस एस.ए. बोबडे ने तीन जजों की इन-हाउस कमिटी शिकायत की जांच करने के लिए गठित की गई थी। इसी दिन केके वेणुगोपाल ने कहा था कि तीन पूर्व जजों की कमिटी से जांच कराए जाने का सुझाव उन्होंने एक वकील के तौर पर दिया था। यह राय उन्होंने सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं दी थी।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने बताया कि मैंने सीजेआई को अटॉर्नी जनरल के तौर पर खत लिखा था, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना जरूरी समझता हूं कि यह पत्र मैंने किसी से भी सलाह लिए बिना निजी हैसियत से लिखा था। मैं यह नहीं चाहता कि इसे सरकार की राय के तौर पर देखा जाए।
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