भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के लोगों के जेहन में जिंदा है लोकतंत्र के महानायक अटल बिहारी वाजपेयी की 28 साल पुरानी यादें, जिस पर वक्त के थपेड़ों के साथ धूल जम गई थी, लेकिन कुरेदने के बाद वह तस्वीर साफ हो गई। अटल ने 26 मई, 1980 को गोपीगंज के रामलीला मैदान में एक सभा को संबोधित किया था। उन्हें सुबह के नाश्ते में मैदे की मठरी और चने के बेसन से बने लड्डू बेहद प्रिय थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
भदोही जिले के गोपीगंज नगर के व्यापार मंडल के अध्यक्ष ज्ञानेश्वर अग्रवाल कहते हैं, ‘‘राजनीति में अटल युग का अंत हो गया, लेकिन वह अलविदा होकर भी हमारे बीच मौजूद हैं। राजनीति के इस महानायक की हजारों यादों की लडिय़ां हमारे पास उपलब्ध हैं, जिसकी याद कर लोगों की आंखें नम हो जाती हैं।’’
अग्रवाल ने 26 मई, 1980 की तस्वीर दिखाते हुए कहा कि राजनीति में अब ऐसा व्यक्तित्व पैदा नहीं होगा। अटल जी कहते थे कि राजनीति में विरोध होना चाहिए, विरोधी नहीं। अपनी यादों पर जोर देकर बताते हैं कि 1980 में नगर के रामलीला मैदान में उनकी एक सभा आयोजित थी। वह श्रीराम जायसवाल के आवास पर ठहरे थे, यहां वह सभा के संबोधन के लिए निकले तो लोगों ने उन्हें गाड़ी में बैठने का अनुरोध किया, लेकिन वह पैदल चल दिए। ‘‘उन्होंने मुझसे कहा, आप युवा हैं संघर्ष के लिए हमेशा तैयार रहिए।’’
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