नई दिल्ली।भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी 16 मई, 1996 को सबसे पहले प्रधानमंत्री बने। इसके बाद वे दूसरी बार 19 मार्च, 1998 और 13 अक्टूबर, 1999 को प्रधानमंत्री की शपथ लेकर तीन बार देश के प्रधानमंत्री बन गए। इंदिरा गांधी के बाद लगातार तीन बार अपने नेतृत्व में पार्टी को जीत दिलाने वाले इकलौते प्रधानमंत्री का गौरव वाजपेयी के नाम है। अटल बिहारी वाजपेयी 1957 से संसद के सदस्य रहे हैं। वे 5वीं, 6वीं, 7वीं लोकसभा और इसके बाद 10वीं, 11वीं, 12वीं और 13वीं लोकसभा में चुनाव जीतकर आए। इसके अलावा वे 1962 और 1986 में दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। सन 2004 में वे पांचवी बार लगातार लखनऊ से चुनाव जीतकर लोकतंत्र के मंदिर लोकसभा पहुंचे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वे एक ऐसे नेता थे जिन्हें चार अलग-अलग राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश और दिल्ली) से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने का गौरव प्राप्त हैं। वे सबसे पहले 16 मई, 1996 को प्रधानमंत्री बने, उनका यह कार्यकाल 13 दिन का रहा। इसके बाद दूसरा बार प्रधानमंत्री की शपथ 19 मार्च, 1998 को ली थी । यह कार्यकाल 13 माह का रहा था। इसके बार हुए करगिल युद्ध से लोकसभा के आमचुनाव में राजग को बहुमत प्राप्त हुआ। इसके बाद वे तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ 13 अक्टूबर, 1999 को ली थी। इनका यह कार्यकाल 13 मई,2014 तक रहा। प्रधानमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल इतना गौरवशाली रहा कि डेढ़ दशक के बाद भी उनके कार्य को न सिर्फ याद किया जाता है, बल्कि उस पर अमल भी किया जाता है। इसमें पोखरण परमाणु परीक्षण, आर्थिक नीतियों में दूरदर्शिता आदि शामिल हैं, जिन्होंने आजाद भारत में लंबे स्थाई विकास की आधारशिला रखी। आधारभूत संरचना के विकास की बड़ी योजनाएं जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग और स्वर्णिम चतुर्भुज योजनाएं आदि सम्मिलित हैं। बहुत ही कम ऐसे प्रधानमंत्री हुए जिन्होंने समाज पर इतना सकारात्मक प्रभाव छोड़ा।
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