नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वत मामले में एक शिकायतकर्ता से पूछताछ में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना बाबू ने दावा किया था कि उन्होंने मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले में राहत पाने के लिए दो करोड़ रुपये घूस के तौर पर दिए थे। इन रिश्वत के आरोपों को लेकर सीबीआई में गतिरोध है। इस गतिरोध के साथ ही निदेशक अलोक वर्मा को 23 अक्टूबर को छुट्टी पर भेज दिया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित व न्यायमूर्ति के.एम.जोसेफ की पीठ ने हैदराबाद पुलिस को सना को सुरक्षा देने का निर्देश दिया।
हालांकि, अदालत ने सना के याचिका पर कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। सना ने अपनी याचिका में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए.के.पटनायक की मौजूदगी में एजेंसी द्वारा पूछताछ किए जाने की मांग की थी।
पूर्व न्यायाधीश पटनायक की निगरानी में केंद्रीय सर्तकता आयोग (सीवीसी) सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है। वर्मा को उनके कार्यभार से हटा दिया गया है। अदालत की पीठ ने कहा कि वह न्यायमूर्ति पटनायक को लेकर कोई आदेश पारित नहीं करेगी।
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