नई दिल्ली। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में दवाओं के भंडारण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के गंभीर आरोपों का जवाब दे सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने इसकी तैयारी कर ली है। सूत्रों ने दावा किया कि उनके पास 250 पन्नों की रिपोर्ट पहुंच गई है, जिसमें दिल्ली के सरकारी अस्पताल, डिस्पेंसरी और वेयरहाउस तक की जानकारी है। तीन वर्षों के दौरान सरकार ने कितनी दवाओं की खरीद की, इसकी विस्तृत जानकारी भी सीएम तक पहुंचाई गई है। सूत्रों का मानना है कि केजरीवाल जल्द इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर सकते हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का निर्देश मिलने के बाद दो सप्ताह से विभागीय टीम दवाओं के भंडारण को लेकर काम कर रही थी। टीम ने वेयरहाउसों का निरीक्षण करने के बाद पिछले दिनों रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी। एक सीनियर ऑफिसर ने बताया, ‘रिपोर्ट मिलने के बाद दवाओं की वर्तमान स्थिति को ऑनलाइन लिंक से जोड़ा गया है। वहीं, 250 पन्नों की रिपोर्ट सीएम केजरीवाल को भेजी गई है। ज्यादातर अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में दवाओं के भंडारण का दावा भी किया गया है। कुछ दवाओं का स्टॉक वेयर हाउस में है, जहां से इन्हें अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है।’ दवाएं होने के बाद भी इसके लिए अस्पतालों में मरीजों को बाहर भेजे जाने के सवाल पर अधिकारी ने कहा है कि इसकी जानकारी उन्हें भी मिली है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। कुछ अस्पतालों की लिखित शिकायत विभाग के पास पहुंची है। इसके लिए विभाग ने सभी सरकारी अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टर को निर्देश देते हुए उनसे दवाओं का विवरण मांगा है ताकि सच और झूठ का पता लगाया जा सके।
दवाओं पर राजनीति
पहचान छिपाने की शर्त पर विभागीय अफसरों ने कहा, दवाओं के मामले में राजनीति हो रही है। दवाओं का स्टॉक रखने के लिए ही वेयरहाउस बनाए जाते हैं। ऐसे में कोई आरोप लगाए कि अस्पताल में दवाएं नहीं हैं और वेयरहाउस में स्टॉक है, तो गलत है।
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