ऐसा इसलिए किया गया है ताकि प्रधानमंत्री डावोस में कोई बयान जारी कर सकें।
कांग्रेस और माकपा दोनों ने भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को याद दिलाया कि
उसने पहले खुदरा कारोबार में विदेशी कंपनियों के प्रवेश का विरोध किया था
और अब कपटपूर्वक अपनी स्थिति बदल रही है। छोटे व्यवसायों के लिए इसे गंभीर
मामला बताते हुए कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने भी इसका
कड़ा विरोध किया था। ये भी पढ़ें - इस पत्थर से दही जमाते हैं गांव के लोग
सीएआईटी ने कहा था यह छोटे व्यवसायों के लिए
गंभीर मामला है। बड़े अफसोस की बात है कि वर्तमान खुदरा कारोबार के कल्याण,
उन्नयन और आधुनिकीकरण की नीति तैयार करने की बजाए सरकार की बहुराष्ट्रीय
कंपनियों के लिए भारत के खुदरा व्यापार को नियंत्रित करने के लिए रास्ता
तैयार करने में अधिक दिलचस्पी है।
एशियाई खेल :10 मीटर एयर पिस्टल में मेंस टीम ने जीता गोल्ड
NIA जांच में मिले संकेत : 'भारत में अशांति पैदा करने के लिए खालिस्तान समर्थक भावनाओं का फायदा उठा रहा पाक'
बिहार में बेकाबू ट्रक ने पांच मजदूरों को कुचला, तीन की मौत
Daily Horoscope