इसका मतलब है कि बोर्ड इस मामले को दोबारा सुप्रीम कोर्ट नहीं ले जाएगा।
इसके साथ ही जमीन के मामले पर बोर्ड का कहना है कि जब सरकार की ओर से इस पर
कोई प्रस्ताव आएगा, तो उसके बाद इस पर फैसला लेंगे। उधर, ऑल इंडिया
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) भी याचिका दाखिल करने को तैयार है।
बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा कि इस मामले में उसकी ओर से भी 9
दिसंबर तक पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। अभी इसकी तैयारी की जा रही
है।
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