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कांग्रेस समेत विपक्ष पर बरसे अमित शाह, कहा- 'उनका दोहरा चरित्र जनता भली-भांति समझ चुकी है'

Amit Shah lashed out at the opposition including Congress, said- the public has understood their double character very well - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में 130वें संविधान संशोधन विधेयक समेत तीन अहम विधेयक पेश किए। विपक्षी दलों के सांसदों ने इन बिलों को लेकर सदन में जमकर हंगामा किया है। हालांकि, तीनों विधेयकों को जेपीसी के लिए भेज दिया गया है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों पर विपक्ष के विरोध को लेकर सोशल मीडिया के जरिए हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सिलसिलेवार एक के बाद कई पोस्ट किए। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ''देश में राजनीतिक भ्रष्टाचार के विरुद्ध मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और जनता के आक्रोश को देखकर आज मैंने संसद में लोकसभा अध्यक्ष की सहमति से संवैधानिक संशोधन बिल पेश किया, जिससे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद, जैसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्री जेल में रहते हुए सरकार न चला पाएं।''
उन्होंने बताया कि इस बिल का उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में गिरते जा रहे नैतिकता के स्तर को ऊपर उठाना और राजनीति में शुचिता लाना है। इन तीनों बिल से जो कानून अस्तित्व में आएगा, वह यह है कि कोई भी व्यक्ति गिरफ्तार होकर जेल से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री के रूप में शासन नहीं चला सकता है। संविधान जब बना, तब हमारे संविधान निर्माताओं ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि भविष्य में ऐसे राजनीतिक व्यक्ति भी आएंगे, जो अरेस्ट होने से पहले नैतिक मूल्यों पर इस्तीफा नहीं देंगे। विगत कुछ वर्षों में, देश में ऐसी आश्चर्यजनक स्थिति उत्पन्न हुई कि मुख्यमंत्री या मंत्री बिना इस्तीफा दिए जेल से अनैतिक रूप से सरकार चलाते रहे।
केंद्रीय गृह मंत्री ने लिखा, ''इस बिल में आरोपित राजनेता को गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर अदालत से जमानत लेने का प्रावधान भी दिया गया है। अगर वे 30 दिन में जमानत प्राप्त नहीं कर पाते हैं, तो 31वें दिन या तो केंद्र में प्रधानमंत्री और राज्यों में मुख्यमंत्री उन्हें पदों से हटाएंगे, अन्यथा वे स्वयं ही कानूनी रूप से कार्य करने के लिए अयोग्य हो जाएंगे। कानूनी प्रक्रिया के बाद ऐसे नेता को यदि जमानत मिलेगी, तब वे अपने पद पर पुनः आसीन हो सकते हैं। अब देश की जनता को यह तय करना पड़ेगा कि क्या जेल में रहकर किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री द्वारा सरकार चलाना उचित है?''
दूसरे पोस्ट में अमित शाह ने लिखा, ''एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आप को कानून के दायरे में लाने का संविधान संशोधन पेश किया है और दूसरी ओर कानून के दायरे से बाहर रहने, जेल से सरकारें चलाने और कुर्सी का मोह न छोड़ने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में पूरे विपक्ष ने इसका विरोध किया है। देश को वह समय भी याद है, जब इसी महान सदन में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान संशोधन संख्या-39 से प्रधानमंत्री को ऐसा विशेषाधिकार दिया कि प्रधानमंत्री के विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं हो सकती थी। एक तरफ यह कांग्रेस की कार्य संस्कृति और उनकी नीति है कि वे प्रधानमंत्री को संविधान संशोधन करके कानून से ऊपर करते हैं। जबकि, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की नीति है कि हम हमारी सरकार के प्रधानमंत्री, मंत्री, मुख्यमंत्रियों को ही कानून के दायरे में ला रहे हैं।''
उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए लिखा, ''आज सदन में कांग्रेस के एक नेता ने मेरे बारे में व्यक्तिगत टिप्पणी भी की कि जब कांग्रेस ने मुझे पूरी तरह से फर्जी केस में फंसाया और गिरफ्तार कराया, तब मैंने इस्तीफा नहीं दिया। मैं कांग्रेस को याद दिलाना चाहता हूं कि मैंने अरेस्ट होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया था और बेल पर बाहर आने के बाद भी, जब तक मैं अदालत से पूरी तरह निर्दोष साबित नहीं हुआ, तब तक मैंने कोई संवैधानिक पद नहीं लिया था। मेरे ऊपर लगाए गए फर्जी केस को अदालत ने यह कहते हुए खारिज किया कि केस राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। भारतीय जनता पार्टी और एनडीए हमेशा नैतिक मूल्यों के पक्षधर रहे हैं।
उन्होंने यह भी लिखा, ''लाल कृष्ण आडवाणी ने भी सिर्फ आरोप लगने पर ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दूसरी ओर इंदिरा गांधी जी द्वारा शुरू की गई अनैतिक परंपरा को कांग्रेस पार्टी आज भी आगे बढ़ा रही है। जिस लालू प्रसाद यादव को बचाने के लिए कांग्रेस पार्टी अध्यादेश लाई थी, जिसका राहुल गांधी ने विरोध किया था, आज वही राहुल गांधी पटना के गांधी मैदान में लालू को गले लगा रहे हैं। विपक्ष का यह दोहरा चरित्र जनता भली-भांति समझ चुकी है। पहले से स्पष्ट था कि यह बिल पार्लियामेंट की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष रखा जाएगा, जहां इस पर गहन चर्चा होगी, फिर भी सभी प्रकार की शर्म और हया छोड़कर, भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए, कांग्रेस के नेतृत्व में पूरा इंडी गठबंधन एकत्रित होकर इसका भद्दे व्यवहार से विरोध कर रहा था। आज विपक्ष जनता के बीच पूरी तरह से एक्सपोज हुआ है।''
--आईएएनएस

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Web Title-Amit Shah lashed out at the opposition including Congress, said- the public has understood their double character very well
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