नई दिल्ली। पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत के प्रयासों में सफलता मिलती नजर आ रही है क्योंकि इस प्रयासों में फ्रांस भारत के साथ देने को तैयार है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
फ्रांस सरकार ने गत दिनों बताया था कि वह संयुक्त राष्ट्र संघ में जैश-ए-मोहम्मद को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव पेश करेगा। पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ इस कूटनीतिक घात के बाद भारत और फ्रांस पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए और विकल्प तैयार करने में लगे हैं।
सूत्रों ने बताया कि जैश के सरगना मसूद अजहर के साथ, उसके भाई अब्दुल रौफ असगर और अन्य जैश कमांडरों के खिलाफ भी ऐसा ही एक प्रस्ताव यूएन में पेश किया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के साथ पठानकोट हमले के आरोपी असगर को भी प्रतिबंधित करने के लिए भी सरकार डॉजियर तैयार करने में जुटी हुई है। अब देखना यह है कि असगर और अन्य जैश के आतंकियों को यूएन के सेक्शन कमिटी 1267 के तहत प्रतिंबधित सूची में शामिल करने के लिए अलग से प्रस्ताव रखा जाएगा या अजहर के लिए पेश किए जाने वाले प्रस्ताव में उनका नाम भी शामिल कर लिया जाएगा।
जैश के अन्य कमांडरों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल कराने के भारत के प्रयासों में चीन वीटो लगा सकता है। पिछली बार चीन ने ही वीटो लगाया था और कहा था कि ऐसा करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
फ्रांस ने अपने प्रयासों के लिए अन्य यूरोपीय देशों से मिल रहा है। पाकिस्तान ने भी अपने मित्र देशों के साथ मेल-जोल बढ़ा दिया है ताकि वह फ्रांस की इस पहल का बचाव कर सके।
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