नई दिल्ली। गुलाम नबी आजाद से मुलाकात के कुछ दिनों बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं आनंद शर्मा और मनीष तिवारी से मुलाकात कर असंतुष्ट जी-23 समूह के प्रस्ताव पर चर्चा की। सोनिया गांधी एकजुट चेहरा रखने के अपने प्रयास में पार्टी के उन असंतुष्टों तक पहुंच रही हैं, जो व्यापक सुधारों की मांग कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आजाद ने 18 मार्च को पार्टी प्रमुख से मुलाकात की थी और कहा था कि अध्यक्ष पद के लिए फिलहाल कोई जगह नहीं है और किसी ने उन्हें पद छोड़ने के लिए नहीं कहा है।
नेतृत्व परिवर्तन पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और साथी जी -23 नेता कपिल सिब्बल के विचारों से खुद को दूर करते हुए, आजाद ने बताया था कि सोनिया गांधी के प्रस्ताव को सभी समूहों ने अस्वीकार कर दिया है, जिसमें वह शामिल थे और "हम चाहते थे कि वह अध्यक्ष बनीं रहे।"
उनकी टिप्पणी से संकेत मिलता है कि कांग्रेस की आंतरिक लड़ाई एक संघर्ष विराम की ओर बढ़ रही है, क्योंकि गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ असंतुष्टों तक लगातार पहुंच रहे हैं, जिनके हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ अच्छे समीकरण नहीं रहे हैं, 17 मार्च को उनसे मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना।
बाद में हुड्डा ने जी-23 नेताओं से मुलाकात की थी।
--आईएएनएस
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