नई दिल्ली। देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शासन समाज के कम आय वर्ग पर
लागत का बोझ घटाएगा, लेकिन इसके साथ ही उच्च आय वर्ग वाले परिवारों के लिए
लागत बढ़ाएगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) वेबसाइट पर प्रकाशित एक ब्लॉग
पोस्ट में यह कहा गया है। ली कुआन येवू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के
प्रोफेसोरियल फेलो मुकुल अशर द्वारा लिखे ब्लॉग में कहा गया, ‘‘जीएसटी के
साथ, सामान्य रूप से, सामानों पर टैक्स की दर पहले की तुलना में कम होने की
संभावना है, और सेवाओं पर टैक्स की दर में वृद्धि हुई है। उच्च आय वाले
घरों में सेवाओं पर खर्च बढ़ा है और सामानों पर खर्च घटा है।’’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसमें
कहा गया, ‘‘इससे निम्न मध्य-आय वाले परिवारों पर बोझ कम होगा, जबकि ऊपरी
मध्यम आय और उच्च आय वाले परिवारों पर बोझ बढऩे की संभावना है। यह जनसंख्या
के निचले हिस्से पर जीएसटी के नकारात्मक प्रभाव को कम करेगा।’’ जीएसटी
परिषद ने यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए हैं कि किसी भी सेवा या वस्तु पर
जीएसटी के अंतगर्त करों की दरें उतनी ही रहे, जितना पहले थी।
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