जेटली ने कहा कि करों की एक दर उसी अर्थव्यवस्था में संभव है, जहां लोगों
की खरीदने की क्षमता एक समान हो। रोजगार के बारे में वित्तमंत्री ने कहा कि
देश में ज्यादातर रोजगार का सृजन छोटे और मध्यम उद्योगों (एसएमई) और
असंगठित क्षेत्रों द्वारा होता है। इसलिए सरकार एसएमई और अनौपचारिक
क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। वित्त वर्ष 2018-19 का बजट, जो साल
2019 के चुनाव से पहले जारी किया जाएगा और इस सरकार का आखिरी बजट होगा,
उसके बारे में जेटली ने कहा कि सरकार का जोर मुख्य क्षेत्रों अवसंरचना और
ग्रामीण भारत पर है। ये भी पढ़ें - बाबा का चमत्कार या लोगों का अंधविश्वास!
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