नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी जहां कृषि कानूनों पर दिल्ली में केंद्र सरकार का विरोध कर रही है, वहीं पंजाब की राजनीति को ध्यान में रखते हुए पार्टी लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनकी सरकार को भी निशाना बना रही है। आम आदमी पार्टी के मुताबिक एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि तीनों कृषि कानूनों को पारित किए जाने के बारे में कैप्टन अमरिंदर सिंह को जानकारी थी और वो उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य थे। 7 अगस्त 2019 से कैप्टन अमरिंदर सिंह को पता था कि किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम को लाया जा रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आम आदमी पार्टी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह को उच्चाधिकार प्राप्त समिति का सदस्य नियुक्त किया था। पंजाब सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अच्छी तरह से जानते थे कि निजी निवेश और कॉपोर्रेट्स को फसलों के बाजार में लाया जाएगा और एमएसपी और मंडी प्रणाली को हटा दिया जाएगा लेकिन उन्होंने कभी किसी को कुछ नहीं बताया।
आम आदमी पार्टी के विधायक एवं पंजाब के सह प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा, मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनौती देता हूं कि वे कोई एक सबूत पेश करें जिससे यह साबित हो सके कि कृषि कानूनों को लेकर गठित उच्चाधिकार समिति में उन्होंने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में असहमति प्रकट की थी। आरटीआई से पता चलता है कि हमारे कृषक भाईयों ने जिन हाई पावर्ड कमेटी के तीन कृषि कानूनों के एजेंडे के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, कैप्टन अमरिंदर सिंह उन एजेंडे पर विस्तार से हो रही चर्चाओं में भागीदार थे।
राघव चड्ढा ने कहा कि कार्यालय का नोट कहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 लोगों की कमेटी बनाई। यह कमेटी खेती के बारे में क्या बदलाव लाने हैं, क्या नए कानून बनाने हैं उनके बारे में बैठक कर चर्चा करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कमेटी में देवेंद्र फडणवीस, मनोहर लाल खट्टर, प्रेम खांडू, विजय रुपाणी, योगी आदित्यनाथ, कमलनाथ, कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत 10 लोगों को सदस्य बनाया था। यह इस बात का पुख्ता सबूत है कि प्रधानमंत्री ने खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनकर इस कमेटी का सदस्य बनाया। कैप्टन अमरिंदर सिंह बार-बार कह रहे थे कि हमारी सरकार का कोई अन्य सदस्य था, मैं नहीं था। हमने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को भेज दिया था। हमें उस कमेटी की सदस्यता मिल गई थी।
--आईएएनएस
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