एफआईआर के मुताबिक दो-तीन दिन के अंदर गाजियाबाद में भी जितने दंगा-फसाद
हुए, वे सब अमानतुल्ला खान के इशारे पर ही हुए हैं। ऐसे में शिकायतकर्ता ने
आरोपी विधायक के खिलाफ कठोर कार्यवाही किए जाने की शिकायत 22 दिसंबर को
गाजियाबाद कोतवाली में दी थी। प्राथमिक छानबीन में जब आरोप सही पाए गए तो,
उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था। उल्लेखनीय है कि 15 दिसंबर रविवार के
दिन दिल्ली के जामिया नगर इलाके में हुए दंगों में भी अप्रत्यक्ष रूप से
इसी एमएलए का नाम उभरकर सामने आया था।
सीधे कोई सबूत न होने के चलते दिल्ली
पुलिस लाख चाहकर भी अमानतुल्ला खान पर हाथ नहीं डाल सकी। तमाम संगीन
धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने के बाद से ही गाजियाबाद पुलिस आरोपी विधायक
की तलाश में जुटी हुई है। कई जगह छापे भी डाले गए, मगर नामजद विधायक का
गाजियाबाद पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लग सका है।
गाजियाबाद पुलिस भले ही
खुलकर कुछ न बोले, लेकिन हां, यूपी पुलिस के ही एक उच्च पदस्थ सूत्र ने
सोमवार को आईएएनएस से कहा कि आरोपी विधायक की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद
पुलिस ने दिल्ली पुलिस से भी मदद मांगी है। इसकी वजह साफ है कि आरोपी
दिल्ली का विधायक है। दिल्ली पुलिस के पास उसकी सही और सटीक जानकारी यूपी
पुलिस से कहीं ज्यादा होना लाजिमी है। इस सिलसिले में कोशिश करने के बाद भी
अमानतुल्ला खान से संपर्क नहीं हो सका है।
(IANS)
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