नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस चलाने की अनुमति दे दी है, जिससे अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनकी गिरफ्तारी की तैयारी कर सकती है।
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सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। सत्येंद्र जैन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने 2015-2016 में फर्जी कंपनियों के जरिए कथित तौर पर 16.39 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।
वहीं, 18 अक्टूबर को दिल्ली की एक अदालत ने सत्येंद्र जैन को जमानत दे दी थी। अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए ‘ट्रायल में देरी’ और ‘लंबे समय से क़ैद’ में होने का जिक्र किया था।
उधर, ईडी ने अदालत में जैन की जमानत का विरोध कर कहा था कि अगर उन्हें जमानत दी गई, तो वह मामले से संबंधित गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अदालत के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे सत्य की जीत और भाजपा की साजिश की हार बताया था।
हालांकि, इससे पहले 26 मई 2023 को सत्येंद्र जैन को मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी, क्योंकि उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन हुआ था।
सत्येंद्र जैन हाल ही में सम्पन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उतरे थे। पार्टी ने उन्हें शकूर बस्ती सीट से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी करनैल सिंह से हार का सामना करना पड़ा था।
चुनाव आयोग के मुताबिक, करनैल सिंह को कुल 56,869 वोट मिले, जबकि सत्येंद्र जैन 35,871 वोटों पर सिमट गए। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार सतीश कुमार लूथरा को सिर्फ 5,784 वोट मिले थे।
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