नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को अतिक्रमण अभियान का आदेश देने के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर हमला बोला, जिसे पहले दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रोक दिया था। दिल्ली के मंडावली में, अधिकारियों ने एक मंदिर के अतिक्रमित हिस्से (रेलिंग) को हटाने की पहल की, इसके कारण क्षेत्र में दंगे जैसी स्थिति पैदा हो गई। यह घटना बाद में आप और भाजपा के बीच राजनीतिक खींचतान में बदल गई।
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दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने मंडावली इलाके में एक मंदिर के एक हिस्से को हटाए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की। आतिशी के अनुसार, तत्कालीन मंत्री मनीष सिसोदिया की अस्वीकृति के बावजूद एलजी के आदेश पर कार्रवाई की गई।
उन्होंने कहा, सिसोदिया ने किसी भी विध्वंस पर आपत्ति जताई थी, लेकिन उपराज्यपाल ने उनके फैसले को खारिज कर दिया और दिल्ली में 10 मंदिरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।
आतिशी ने उपराज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा कि सिसोदिया ने निर्देश दिया था कि दिल्ली में कोई भी धार्मिक स्थल नहीं तोड़ा जाएगा, लेकिन उपराज्यपाल एक राजा की तरह अहंकार के साथ दिल्ली पर शासन कर रहे हैं।
आप विधायक नरेश बालियान ने ट्वीट किया, ''दिल्ली में उपराज्यपाल ने 11 मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया है। इस पत्र में उपराज्यपाल का आदेश साफ तौर पर देखा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी के सदस्य इन मंदिरों को तोड़े जाने का विरोध व आलोचना कर रहे हैं।''
कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों को क्षेत्र में भेजा गया है। अधिकारियों ने आसपास बैरिकेड्स भी लगा दिए हैं।
--आईएएनएस
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