नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI ) के वर्चुअल आईडी सिस्टम की शुरुआत आज से हो जाएगी। अब केवाईसी पूरा करने के लिए आधार नंबर की जगह 16 डिजिट की वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल कर सकेंगे। टेलीकॉम कंपनियों और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर के पास केवाईसी के लिए आप इस आईडी का इस्तेमाल कर पाएंगे। दरअसल, यूजर की प्राइवेसी को देखते हुए इस आईडी की शुरुआत की गई है। 31 अगस्त के बाद बैंकों और दूसरे सर्विस प्रोवाइडर भी इस वर्चुअल आईडी पर शिफ्ट हो जाएंगे। ऐसे जनरेट करें अपनी VID :- - VID जनरेट करने के लिए UIDAI के होमपेज पर जाएं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वर्चुअल आईडी का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे यूजर की ज्यादा जानकारी शेयर नहीं होंगी। वर्चुअल आईडी शेयर करने पर सर्विस प्रोवाइडर को आधार नंबर की जगह एक यूआईडी टोकन मिलेगा। आधार नंबर के ऑथेंटिकेशन के वक्त अब आप केवल VID दे सकते हैं। आपको आधार नंबर को शेयर करने की जरूरत नहीं होगी। इस तरह आधार ऑथेंटिकेशन पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी। इसके साथ ही यूआईडीएआई ने सर्विस प्रोवाइडर को कम से कम जानकारी शेयर करने का भी आदेश दिया है।
कहां से जनरेट कर सकते हैं VID:-
आधार वर्चुअल आईडी को UIDAI के पोर्टल से जनरेट किया जा सकता है। यह एक डिजिटल आईडी होगी। आधार होल्डर इसे कई बार जनरेट कर सकता है। मौजूदा समय में VID सिर्फ एक दिन के लिए ही वैलिड होती है। इसका मतलब हुआ कि एक दिन बाद आधार होल्डर इस वर्चुअल आधार आईडी को फिर से जनरेट कर सकता है। इसे सिर्फ UIDAI की वेबसाइट से ही जेनरेट किया जा सकता है।
- अब अपना आधार नंबर डालें। इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और SEND OTP पर क्लिक कर दें।
- जिस मोबाइल नंबर से आपका आधार रजिस्टर्ड होगा, वहीं आपको OTP भेजी जाएगी।
- OTP डालने के बाद आपको नई VID जेनरेट करने का ऑप्शन मिल जाएगा।
- जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी। यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा।
क्या है वर्चुअल आईडी :-
वर्चुअल आईडी एक तरह का टेंपररी आधार नंबर है। यह 16 अंकों का होगा। इसे आधार का क्लोन कह सकते हैं। इसमें कुछ ही डिटेल होंगी। यूआईडीएआई यूजर्स को हर आधार का एक वर्चुअल आईडी तैयार करने का मौका देगी। किसी को कहीं आधार की डिटेल देनी है तो वो 12 अंकों के आधार नंबर की जगह 16 अंकों का वर्चुअल आईडी दे सकता है।
क्या फायदा होगा:-
यह आपको सत्यापन के समय आधार नंबर को साझा नहीं करने का विकल्प देगी। वर्चुअल आईडी से नाम, पता और फोटोग्राफ जैसी कई चीजों का ऑथेंटिफिकेशन हो सकेगा। नई वर्चुअल आईडी जनरेट करते ही पुरानी आईडी अपने आप कैंसिल हो जाएगी।
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