• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

आदेश गुप्ता को ही बीजेपी ने क्यों बनाया दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष, ये रहे 5 कारण!

5 reasons why BJP made Adesh Gupta the state president of Delhi - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली,| भाजपा के दीन दयाल उपाध्याय रोड स्थित राष्ट्रीय मुख्यालय से जब बीते मंगलवार को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद पर आदेश गुप्ता की ताजपोशी का पत्र जारी हुआ तो कई लोग हैरान रह गए। अभिनेता से नेता बनकर दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे मनोज तिवारी की तुलना में अनजान से इस चेहरे के बारे में लोग जानकारी जुटाते नजर आए। खास बात रही कि दिल्ली की प्रदेश इकाई से बाहर के अधिकांश नेताओं और बीजेपी बीट कवर करने वाले तमाम पत्रकारों को भी आदेश गुप्ता के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। सभी एक दूसरे से उनके बारे में पता करते नजर आए। फिर पता चला कि यह वही आदेश गुप्ता हैं, जो कि 2018 में नॉर्थ एमसीडी के मेयर रह चुके हैं। भाजपा की दिल्ली इकाई में मीडिया विभाग की जिम्मेदारी देखने वाले नीलकांत बख्शी हालांकि, इस बात को खारिज करते हैं कि आदेश गुप्ता के बारे में लोग कम जानते हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "दिल्ली में आदेश गुप्ता की पहचान जमीनी नेता की रही है। वह नॉर्थ एमसीडी के मेयर रह चुके हैं, आने वाले चुनाव में इसका पार्टी को लाभ होगा। आदेश गुप्ता के प्रदेश अध्यक्ष बनने से फिर यह साबित हुआ है कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है, जहां सामान्य कार्यकर्ता भी मेहनत के दम पर संगठन के शीर्ष पर पहुंच सकता है। कांग्रेस और दूसरी पार्टियों में एक ही परिवार के लोग आगे बढ़ते हैं।" आईएएनएस को सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए दो सांसद और एक विधायक प्रबल दावेदार थे। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल सांसदों और विधायकों को नजरअंदाज कर पार्टी ने एक पूर्व मेयर पर ही क्यों दांव खेला? आईएएनएस ने पार्टी सूत्रों से यह समझने की कोशिश की। इस दौरान पांच प्रमुख कारण सामने आए।
1-किसी गुट में फिट नहीं बैठते..
दिल्ली में भाजपा की राह में सबसे बड़ी चुनौती अपने नेताओं की गुटबंदी से निजात पाना है। वर्षों से आंतरिक गुटबाजी की बीमारी से भाजपा पार नहीं पा सकी है। कुछ सांसद, विधायकों और प्रदेश संगठन के नेताओं ने अपने-अपने गुट बना रखे हैं। मनोज तिवारी अपने पूरे कार्यकाल में इस गुटबंदी से जूझते नजर आए। पार्टी को चुनाव में इसका नुकसान भी हुआ। ऐसे में पार्टी ने किसी भी गुट से नाता न रखने वाले आदेश गुप्ता पर दांव खेला है।
यूं तो इस बार दिल्ली के दो सांसद और एक विधायक पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के प्रबल रेस में थे, मगर पार्टी ने उनकी दावेदारी पर आदेश गुप्ता को तवज्जो दी। पार्टी के एक नेता ने कहा, "आदेश गुप्ता किसी गुट के व्यक्ति नहीं हैं। वह विनम्र हैं, किसी भी नेता के सामने हाथ जोड़ने में उनका इगो आड़े नहीं आता। वह 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैरस वाले फॉर्मूले पर चलते हैं। पार्टी ने गुटबाजी से मुक्ति दिलाने के भरोसे के साथ उन्हें कमान सौंपी है। अब वह कितना सफल होंगे, यह वक्त बताएगा।"
2-वैश्य वोटों को साधने की रणनीति..
भाजपा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में करीब 25 प्रतिशत बनिया वर्ग का वोट है। भाजपा के लिए यूं तो यह जाति कोर वोटर मानी जाती है मगर दिल्ली की राजनीति में अरविंद केजरीवाल का प्रभाव बढ़ने के बाद से आम आदमी पार्टी बनिया वोटों में सेंध लगाने में कामयाब हुई है। केजरीवाल खुद भी वैश्य वर्ग से आते हैं। केजरीवाल ने दिल्ली में बनिया वर्ग के मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या को साधने के लिए ही 2018 में कुल तीन में से दो सीटें सुशील गुप्ता और एनडी गुप्ता के हवाले कर दीं थीं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि आदेश गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा फिर से कोर वोटर्स को साधने की तैयारी कर रही है। दिल्ली में नई दिल्ली, चांदनी चौक, चावड़ी, करोलबाग, त्रिनगर सहित करीब दो दर्जन विधानसभा सीटों पर वैश्य मतदाताओं का प्रभाव है।
3- मिशन 2022 : एमसीडी चुनाव का अनुभव..
दिल्ली में अप्रैल 2022 में नगर निगम के चुनाव होने हैं। आदेश गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पीछे आगामी दिल्ली नगर निगम को भी वजह माना जा रहा है। आदेश गु्प्ता नॉर्थ एमसीडी के एक साल के लिए मेयर रह चुके हैं। वह इस वक्त वेस्ट पटेल नगर से पार्षद भी हैं। भाजपा का निगम चुनावों में हमेशा से डंका बजता आ रहा है। 2017 के चुनावों में मनोज तिवारी के नेतृत्व में पार्टी ने तीनों नगर निगम में विजय पताका फहराई थी। अब इस सफलता को बरकरार रखने की चुनौती है। चूंकि आदेश गुप्ता दिल्ली की नगर निगम की चाल-ढाल से वाकिफ हैं तो पार्टी को रणनीति बनाने में आसानी होगी। आदेश गुप्ता एनडीएमसी स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं।
4-संगठन के पुराने खिलाड़ी..
विचारधारा और संगठन के प्रति निष्ठा देखी जाए तो भी आदेश गुप्ता कमजोर नजर नहीं आते। संगठन में काम करने का उनका लंबा अनुभव है। वह 90 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम कर चुके हैं। पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ एबीवीपी में काम कर चुके हैं। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। यूपी से एनसीआर आने के बाद वह पिछले दो दशक से दिल्ली में भाजपा की राजनीति से जुड़े हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने उनकी संगठन क्षमता को देखते हुए भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए चुना।
5- यूपी कनेक्शन..
दिल्ली का प्रदेश अध्यक्ष बनने के पीछे आदेश गुप्ता का यूपी कनेक्शन भी एक वजह माना जा रहा है। दिल्ली में उत्तर प्रदेश के लोग काफी संख्या में रहते हैं। ऐसे मतदाताओं पर आदेश गुप्ता प्रभाव छोड़ने में सफल हो सकते हैं। आदेश गुप्ता भी दरअसल उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं। वह उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के रहने वाले हैं। वह वर्ष 1994-95 में यूपी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री बने। 1997 में ठेकेदारी करने के लिए दिल्ली पहुंचे और फिर तब से यहीं बस गए।
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-5 reasons why BJP made Adesh Gupta the state president of Delhi
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: 5 reasons why bjp made adesh gupta the state president of delhi, delhi bjp, aadesh gupta, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, delhi news, delhi news in hindi, real time delhi city news, real time news, delhi news khas khabar, delhi news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved