नई दिल्ली। सीबीआई अदालत ने बुधवार को ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों के लिए भूमि आवंटन में धोखाधड़ी के मामले में दो निजी व्यक्तियों को चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सीबीआई के प्रवक्ता ने ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज से संबंधित मामले में दोषी ठहराए गए दोनों को रमेश कुमार अग्रवाल और अश्वनी शर्मा के रूप में पहचान की। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सीबीआई ने 4 अप्रैल, 2006 को गाजियाबाद निवासी अग्रवाल और दिल्ली निवासी शर्मा और अन्य के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर मामला दर्ज किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने कमलानी सीजीएचएस लिमिटेड सहित विभिन्न सहकारी समूह हाउसिंग सोसाइटी की जांच कराने के लिए आदेश दिया था। कमलानी सीजीएचएस लिमिटेड का दिल्ली के सुभाष नगर में पंजीकृत कार्यालय है।
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को धोखा देने और जाली दस्तावेज और झूठे आधार पर डीडीए द्वारा कमलानी सीजीएचएस लिमिटेड को भूमि आवंटित करने के इरादे से वर्ष 2000-2002 के दौरान साजिश रची।
अग्रवाल सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार ऑफिस में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए सोसायटी का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, और शर्मा के साथ मिलीभगत करके कार्यालय में विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे रहा था।
अधिकारी ने कहा कि जांच के बाद सीबीआई ने 29 मार्च, 2007 को आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें दोषी ठहराया।
--आईएएनएस
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