नई दिल्ली, । स्विस फर्म आईक्यूएयर ने
मंगलवार को जारी अपनी 'वल्र्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट' में भारत को 2022 में
दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश बताया, जो पिछले साल पांचवें स्थान पर
था। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 50 शहरों में से 39 भारत के
हैं।
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चाड, इराक, पाकिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, बुर्किना फासो, कुवैत,
भारत, मिस्र और ताजिकिस्तान शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित देश है, जबकि
ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रेनाडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड ने
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पीएम25 दिशानिर्देश को पूरा किया।
131 देशों का डेटा 30,000 से अधिक ग्राउंड-आधारित मॉनिटरों से लिया गया था।
रिपोर्ट
के अनुसार, भारत में परिवहन क्षेत्र पीएम2.5 प्रदूषण का 20-35 प्रतिशत का
कारण बनता है, जबकि प्रदूषण के अन्य स्रोत औद्योगिक इकाइयां, कोयले से चलने
वाले बिजली संयंत्र और बायोमास जलाना है।
दो शीर्ष सबसे प्रदूषित
शहरों, पाकिस्तान में लाहौर और चीन में होटन के बाद, राजस्थान का भिवाड़ी
तीसरे स्थान पर है और चौथे स्थान पर दिल्ली है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का पीएम2.5 स्तर सुरक्षित सीमा से लगभग 20 गुना अधिक है।
दिल्ली अब तक दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही है और रिपोर्ट ने 'ग्रेटर' दिल्ली और नई दिल्ली राजधानी के बीच अंतर किया है।
राष्ट्रीय
राजधानी के परिधीय क्षेत्र- नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में
प्रदूषण के स्तर में गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले
वर्षों में रिपोर्ट किए गए औसत पीएम25 स्तरों की तुलना में गुरुग्राम में
34 प्रतिशत और फरीदाबाद में 21 प्रतिशत की गिरावट आई है।
दिल्ली में आठ फीसदी की गिरावट देखी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में खराब वायु गुणवत्ता के कारण हर साल 60 लाख से अधिक मौतें होती हैं।
रिपोर्ट
में कहा गया, कुल आर्थिक लागत 8 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के बराबर है, जो
वैश्विक वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद के 61 प्रतिशत से अधिक है। वायु प्रदूषण
के संपर्क में आने से स्वास्थ्य बिगड़ता हैं जिनमें अस्थमा, कैंसर, फेफड़ों
की बीमारियां, हृदय रोग और समय से पहले मृत्यु दर शामिल हैं, लेकिन यह
यहीं तक सीमित नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के 10
शहरों और हरियाणा के सात शहरों सहित 31 शहरों में प्रदूषण के स्तर में भारी
गिरावट देखी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, पिछले वर्षों के औसत की तुलना में कुल 38 शहरों और कस्बों में प्रदूषण में वृद्धि देखी गई है।
रिपोर्ट
के अनुसार, छह मेट्रो शहरों में, कोलकाता को दिल्ली के बाद सबसे प्रदूषित
स्थान दिया गया। हालांकि, चेन्नई को डब्ल्यूएचओ के सुरक्षित स्तर 'सिफर्र्'
5 गुना प्रदूषण के साथ सबसे स्वच्छ बताया गया। मेट्रो शहरों हैदराबाद और
बेंगलुरु ने 2017 के बाद से प्रदूषण के स्तर में औसत से अधिक वृद्धि देखी
है।
--आईएएनएस
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