• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

इतिहास के सुनहरे अक्षरों में दर्ज है 22 जून, नेताजी ने कांग्रेस को अलविदा कह फॉरवर्ड ब्लॉक का किया था गठन

22 June is recorded in golden letters in history, Netaji said goodbye to Congress and formed Forward Block - Delhi News in Hindi

नई दिल्ली । भारत की आजादी की लड़ाई में कुछ नाम ऐसे हैं, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं। उनमें सबसे ऊपर चमकता नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम है। जिनके जुनून और जज्बे ने अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिला दी।
23 जनवरी 1897 में ओडिशा के कटक में जन्मे सुभाष चंद्र बोस बचपन से ही तेज-तर्रार थे। पढ़ाई में अव्वल, लेकिन मन में देशभक्ति का ज्वार ऐसा कि उन्होंने आईसीएस की नौकरी ठुकरा दी। बोस ने कहा, "अंग्रेजों की गुलामी में नौकरी? नहीं, मैं तो आजादी का सिपाही बनूंगा!" यहीं से शुरू हुआ एक क्रांतिकारी का सफर।
कांग्रेस में गांधीजी के साथ काम करते हुए सुभाष ने महसूस किया कि सिर्फ अहिंसा से काम नहीं चलेगा। उनका नारा था, "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा!" यह नारा सुनकर नौजवानों का खून खौल उठता था। 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भी जब उनकी बात नहीं मानी गई, तो सुभाष ने अपना रास्ता चुना।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गाथा में एक नया अध्याय तब जुड़ा, जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस से अलग होकर अपने बुलंद हौसलों के साथ 'फॉरवर्ड ब्लॉक' की नींव रखी। यह 22 जून 1939 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब नेताजी ने अपने क्रांतिकारी विचारों को नया आकार देने का फैसला किया।
नेताजी का मानना था कि आजादी की लड़ाई को और तेज करना होगा। वे चाहते थे कि भारत छलांग लगाए, न कि छोटे-छोटे कदमों से आगे बढ़े। कांग्रेस की नीतियों से असहमति के चलते नेताजी ने 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। नेताजी रुकने वालों में से थे। उन्होंने तुरंत अपने समर्थकों को एकजुट किया और 'फॉरवर्ड ब्लॉक' की स्थापना की, जिसका मकसद "आजादी, अब और अभी!" था।
फॉरवर्ड ब्लॉक कोई साधारण संगठन नहीं था। यह नेताजी के उस जुनून का प्रतीक था, जो भारत को ब्रिटिश हुकूमत की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए तड़प रहा था। नेताजी ने युवाओं को जोड़ा, जिनके दिल में देशभक्ति की आग धधक रही थी। फॉरवर्ड ब्लॉक ने न केवल आजादी की मांग को और मुखर किया, बल्कि समाजवादी विचारों को भी बढ़ावा दिया, ताकि आजाद भारत में समानता और न्याय का सपना साकार हो।
नेताजी का यह कदम उस समय के राजनीतिक गलियारों में भूचाल लाने वाला था। कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज हैरान थे, और ब्रिटिश सरकार की नींद उड़ गई थी। फॉरवर्ड ब्लॉक ने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी। नेताजी ने साफ कर दिया था कि वे न तो झुकेंगे, न रुकेंगे। उनकी यह सोच बाद में आजाद हिंद फौज के गठन में भी दिखी।
आज जब हम नेताजी के इस साहसिक कदम को याद करते हैं, तो यह बात याद आती है कि फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना सिर्फ एक संगठन का जन्म नहीं था, बल्कि यह नेताजी के उस अटल विश्वास का प्रतीक था कि भारत की आजादी का रास्ता क्रांति और एकजुटता से होकर गुजरता है।
--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-22 June is recorded in golden letters in history, Netaji said goodbye to Congress and formed Forward Block
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: forward block, netaji, netaji subhash chandra bose, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news, delhi news, delhi news in hindi, real time delhi city news, real time news, delhi news khas khabar, delhi news in hindi
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री एवं सभी तरह के विवादों का न्याय क्षेत्र जयपुर ही रहेगा।
Copyright © 2025 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved