राम मंदिर में पांच प्रवेश द्वार होंगे। ये सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग
मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भ गृह हैं। रामलला की मूर्ति भूतल पर ही विराजमान
होगी। पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की आवश्यकता
होगी। पत्थर का काम 1990 में ही शुरू हो चुका था, इसलिए इसमें बहुत सारा
काम पहले ही हो चुका है, फिर भी काफी कुछ करना बाकी है।
सूत्र बताते हैं कि
मंदिर निर्माण का कार्य आसान नहीं है और इसे पूरा करने में कम से कम चार
साल लगेंगे। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक
कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मैं आपको यह नहीं बता सकता कि काम
(मंदिर निर्माण) कब पूरा हो जाएगा। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि कानूनी
प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य यथाशीघ्र शुरू हो जाएगा।
निर्माण
में समय लगने का एक मुख्य कारण कार्यशाला तक की पहुंच है। सडक़ें ठीक नहीं
हैं इसलिए पत्थरों की आपूर्ति की रफ्तार सुस्त है। इसके अलावा, हस्तशिल्प
नक्काशी में समय लगता है। हालांकि भूतल के लिए जितनी नक्काशी की आवश्यकता
है वह पूरी हो चुकी है।
(IANS)
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